जिलाधिकारी ने जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की मासिक समीक्षा बैठक करी
मैनपुरी 17 अक्टूबर, 2022- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कायर्क्रम के तहत विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों का तिथिवार रोस्टर तैयार कर संबंधित प्र. चिकित्साधिकारी, खंड शिक्षाधिकारी, बाल विकास परियोजनाधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर बेसिक शिक्षा के विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों पर शिक्षा ग्रहण कर रहे प्रत्येक बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण कराएं। जिस तिथि को आरबीएसके टीम विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों पर पहुंचे, उस तिथि को सभी पंजीकृत छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।
आशा, संगिनी के मानदेय के भुगतान में किसी भी स्तर पर विलंब न हो, आशा-संगिनी के मानदेय के भुगतान में विलंब पर संबंधित प्र. चिकित्साधिकारी का उत्तरदायित्व निधार्रित कर कायर्वाही की जाए। जननी सुरक्षा योजना का लाभ प्रसूता को तत्काल मिले इसके लिए गभार्वस्था के दौरान ही उसकी बैंक डिटेल प्राप्त की जाए। संस्थागत प्रसव की प्रगति सुधारने के लिए आशा, एएनएम, संगिनी के माध्यम से गभर्वती महिलाओं, उनके परिजनों को संस्थागत प्रसव कराने हेतु प्रेरित करें। गभर्वती को सभी सुविधाएं समय से मुहैया कराई जाएं। प्रसव के उपरांत प्रसूता को एंबुलेंस-102 से उसके घर तक पहुंचाया जाए। प्रत्येक माह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला, पुरुष नसबंदी हेतु कैंप आयोजित कर परिवार नियोजन के लक्ष्यों की पूर्ति की जाए।
उक्त निर्देश जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की मासिक समीक्षा बैठक के दौरान देते हुए प्र. चिकित्साधिकारियों से कहा कि अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्र पर नेतृत्व देकर स्वास्थ्य विभाग की संचालित योजनाओं की प्रगति सुधारें। स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों के साथ बेहतर व्यवहार कर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें। स्वास्थ्य केंद्रों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने महिला-पुरुष नसबंदी की खराब प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंप आयोजित कर परिवार नियोजन, नियमित टीकाकरण की प्रगति सुधारनें, स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की समय से उपस्थिति के साथ-साथ पयार्प्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कायर्क्रम के तहत संबंधित अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर बेसिक शिक्षा के विद्यालयों,
आंगनवाड़ी केंद्रों पर शिक्षा ग्रहण कर रहे प्रत्येक बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण कराएं
श्री सिंह ने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान पाया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किशनी में 22, स्वास्थ्य केन्द्र सुल्तानगंज पर 18 संस्थागत प्रसव कम हुए हैं। जिसपर उन्होंने सम्बन्धित प्र. चिकित्साधिकारियों को निदेर्शित किया कि संस्थागत प्रसव की प्रगति सुधारें। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जनपद में अति कुपोषित बच्चे चिन्हित हैं। जिन्हें पोषण पुनवार्स केंद्र में भर्ती कराने में किसी के द्वारा कोई रुचि नहीं ली जा रही है।
प्रतिमाह कम से कम 03-03 बच्चे पोषण पुनवार्स केंद्र में भर्ती कराए जाएं
माह सितम्बर में मात्र 22 बच्चे ही एनआरसी में भर्ती कराये गये हैं। उन्होंने जिला कायर्क्रम अधिकारी, समस्त प्र. चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र से प्रतिमाह कम से कम 03-03 बच्चे पोषण पुनवार्स केंद्र में भर्ती कराए जाएं,
ताकि उन्हें जल्द से जल्द कुपोषित से सुपोषण की श्रेणी में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, मुख्य मंत्री जन आरोग्य योजना के अवशेष लाभाथिर्यों के प्राथमिकता पर गोल्डन कार्ड बनाये जायें ग्रामवार अवशेष लाभाथिर्यों की सूची तैयार कर बीएलई के माध्यम से गोल्डन कार्ड बनाये जायें।
मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने जिला कायर्क्रम अधिकारी को आदेशित करते हुए कहा कि सभी आगंनवाडी केंद्रों पर वजन मशीन चालू दशा में उपलब्ध रहें। आंगनवाडी कायर्कत्री, आशा, एनएएम गभर्वती महिलाओं की नियमित में जांच करें। गभर्वती को सभी टीके समय से लगाए जाएं, उनके हीमोग्लोबिन की जांच हो। उन्हें आयरन, कैल्शियम की टेबलेट मुहैया कराई जाएं ताकि पैदा होने वाला बच्चा स्वस्थ रहे।
उन्होंने समीक्षा के दौरान प्र. चिकित्साधिकारियों, प्रभारी अधिकारी संचारी रोग को आदेशित करते हुए कहा कि सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम हेतु प्रभावी कायर्वाही की जाए। जन-जन तक मच्छर जनित बीमारियों से बचाव हेतु बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में संदेश पहुंचे।
आशा प्रत्येक घर का भ्रमण कर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी करें, जहां भी 15 वषर् से कम आयु का बच्चा या कोई मरीज मिले तो उसके घर पर स्टीकर चस्पा करें। नियमित रूप से फागिग, तालाबों में दवा का छिड़काव, नालियों की सफाई, झाड़ियों का कटान का कायर् किया जाए, सूकर पालकों को जानवरों को बाड़े में बांधकर रखने के लिए प्रेरित किया जाए।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.पी.पी. सिंह, मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ.मदन लाल, मुख्य चिकित्साधीक्षक महिला डॉ. ए.के. पचैरी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव राय, डॉ. संजीव राय बहादुर, डा. अनिल कुमार डा. राकेश कुमार, डा. विनीत यादव, एसएमओ डा. वी.पी सिंह सहित समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी रविंद्र गौर, मलेरिया अधिकारी एस.एन. सिंह, डी.एम.सी. यूनिसेफ संजीव पांडेय, डीपीएम संजीव आदि उपस्थित रहे।