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भारत-पाक युद्ध की जीवंत दास्तां कहानी 1971 युद्ध की

देहरादून। भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे हो चुके हैं। युद्ध में उत्तराखंड के सैकड़ों रणबांकुरों ने भाग लिया था। युद्ध पर आधारित पुस्तक कहानी 1971 युद्ध की धर्मनगर से सिलहट का लोकार्पण रविवार को किया गया। नवादा के कर्नल रॉक्स स्कूल में कार्यक्रम आयोजित हुआ। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने पुस्तक का विमोचन किया।

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उन्होंने कहा कि देश की जनता इसलिए चैन की सांस ले रही है क्योंकि सीमा पर हमारे रणबांकुरे मुस्तैद हैं। कर्नल (रि.) राकेश कुकरेती के संस्मरणों पर यह पुस्तक रोचक ढंग से लिखी गयी है। विशिष्ट अतिथि विधायक किशोर उपाध्याय और कर्नल अजय कोठियाल ने भी पुस्तक को सराहा। लेखिका इरा कुकरेती ने बताया कि जब उनकी शादी फौजी अफसर से हुई तो उन्हें लगा कि फौज के विभिन्न किस्सों को कलमबद्ध करें। साहित्यकार नीता कुकरेती ने पुस्तक का सार और उदेश्य बताया।

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