सत्ता की उठापटक के कारण रोजगार के अनदेखी

जयपुर । शहरी ( employment) युवाओं को रोजगार दिलाने में जिले की 15वीं रैंक हैं। आदिवासी बेल्ट का बांसवाड़ा जिले से 2 मंत्री हैं। लेकिन यह जिला रोजगार दिलाने में सबसे पीछे 33वीं रैंक ( employment) पर है।
पिछले दो महीने से इस योजना में पंजीयन कराया और सीएम के सख्त निर्देश थे कि बेरोजगारों, बेसहारा को जल्द रोजगार से जोड़ा जाए।
3.05 लाख युवाओं के परिवारों ने पंजीयन कराया है, वही 66 हजार को ही रोजगार से जोड़ा गया। इनमें भी जैसलमेर, बाड़मेर, झुंझुनूं, जालोर, दौसा, उदयपुर, करौली जैसे जिले बहुत पिछड़ गए। 33 जिलों से ही शहरी रोजगार के लिए आवेदन मांगे गए।
सभी जिलों को समान अवसर हैं। सभी को रोजगार से जोड़ दिया। कोई आवेदन पेंडिंग नहीं है। शहरी बेरोजगारों के लिए मनरेगा की तर्ज पर शुरू की इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना पर मंत्री-विधायक ध्यान ही नहीं दे पाए।