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हुए इमोशनल, CJI ने बताया 18,000 जज कैसे कर रहे हैं 3 करोड़ केस का निपटारा
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर रविवार को एक प्रोग्राम में इमोशनल हो गए। उन्होंने जजों पर काम के बोझ का जिक्र किया। देश की अदालतों में जजों की कम तादाद का हवाला देते हुए कहा कि लोग बड़ी मुश्किल से समझ पाते हैं कि हम कितने तनाव में काम करते हैं। उस वक्त नरेंद्र मोदी भी वहां मौजूद थे। राजधानी में जजों और मुख्यमंत्रियों की समिट में ठाकुर स्पीच दे रहे थे। उन्होेंने बताया कि कैसे 3 करोड़ केस के निपटारे के लिए महज 18000 जज हैं। जानकारी के मुताबिक, इसके बाद पीएम ने चीफ जस्टिस को क्लोज डोर मीटिंग का प्रपोजल दिया। मेक इन इंडिया, एफडीआई के अलावा ज्यूडिशियरी पर क्या बोले…
– ठाकुर ने कहा, ”केस की बढ़ती तादाद को देखते हुए जजों की संख्या में बड़े पैमाने पर इजाफा किया जाना चाहिए।”
– ठाकुर ने आरोप लगाया कि ज्यूडिशियरी की मांग के बावजूद कई सरकारें इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रहीं।
– उन्होंने कहा कि केसों की लगातार बढ़ती तादाद के लिए केवल जस्टिस सिस्टम को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
– ठाकुर ने आरोप लगाया कि ज्यूडिशियरी की मांग के बावजूद कई सरकारें इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रहीं।
– उन्होंने कहा कि केसों की लगातार बढ़ती तादाद के लिए केवल जस्टिस सिस्टम को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
जजों पर पड़ने वाले प्रेशर का किया जिक्र
– ठाकुर के मुताबिक, जजों को बेहद दबाव के माहौल में केसों पर फैसला लेना पड़ता है।
– ”दूसरे देशों के जज इस बात पर सरप्राइज हो जाते हैं कि कैसे इंडियन जज इतने सारे केसों को निपटाते हैं।”
– ”एक भारतीय जज एवरेज 2600 जबकि अमेरिकी जज 81 केसों का फैसला करता है।
– मोदी ने अपनी छोटी-सी स्पीच के दौरान कहा कि वे इस मुद्दे को हल करने की पूरी कोशिश करेंगे।
– ठाकुर के मुताबिक, जजों को बेहद दबाव के माहौल में केसों पर फैसला लेना पड़ता है।
– ”दूसरे देशों के जज इस बात पर सरप्राइज हो जाते हैं कि कैसे इंडियन जज इतने सारे केसों को निपटाते हैं।”
– ”एक भारतीय जज एवरेज 2600 जबकि अमेरिकी जज 81 केसों का फैसला करता है।
– मोदी ने अपनी छोटी-सी स्पीच के दौरान कहा कि वे इस मुद्दे को हल करने की पूरी कोशिश करेंगे।
हाईकोर्ट में जजों की कमी का किया जिक्र
– ठाकुर ने कहा, ”कोई इस बारे में बात नहीं करता कि जजों ने कितने केस निपटाए। जजों की भी काम करने की कैपिसिटी लिमिट है।”
– उन्होंने कहा कि ऐसे तौर-तरीके अपनाए जाने की जरूरत है जिससे कि पेंडिंग पड़े केस जल्द से जल्द सुलझें।
– ”सरकार सारा दोष न्यायपालिका के मत्थे नहीं मढ़ सकती। लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा है, क्योंकि हम ऐसे हालात में अपना बेहतर कर रहे हैं।”
– ”अप्वाइंटमेंट शुरू करने के लिए कितने टाइम की जरूरत है, हमारे पास मुकदमों का पहाड़ पड़ा है।”
– ”38 लाख केस हाईकोर्ट्स में पेंडिंग पड़ें हैं। इनको निपटाने के लिए कितने जज चाहिए, ये हम क्यों नहीं समझते।”
पीएम ने क्या कहा?
-मोदी ने कहा,” देश की 125 करोड़ जनता की आस्था ज्यूडिशियरी पर टिकी हुई है। जल्द से जल्द इंसाफ दिलाना विकास का एक जरूरी हिस्सा है।”
– ”एग्जीक्यूटिव हो या ज्यूडिशियरी दोनों में बेहतर तालमेल होना चाहिए। टकराव के रास्ते पर चलकर हम बेहतर भारत नहीं बना सकते।”
– चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की बात का जवाब देते हुए पीएम ने कहा वह इस मसले को सुलझाने की कोशिश करेंगे।
– पीएम ने ठाकुर को इस मुद्दे पर उनके साथ काम करने के लिए इनवाइट किया।