नई दिल्ली। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने कहा है कि भू-राजनीतिक जोखिमों को कम करने के लिए कई कंपनियां चीन से अपने कारखानों को अन्य देशों में ले जा रही हैं। सियाम के नवनियुक्त अध्यक्ष केनिची आयुकावा ने कहा कि वाहन और कलपुर्जा क्षेत्र को उस निवेश को भारत लाने का प्रयास करना चाहिए या फिर उनके साथ गठजोड़ के जरिये देश में उत्पादन बढ़ाना चाहिए। भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए आयुकावा ने कहा कि वह जापान के विनिर्माताओं के साथ कारोबार से संबंधित कुछ बैठकें आयोजित करने का प्रयास करेंगे, ताकि ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन दिया जा सके। आयुकावा मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम दक्षिण कोरिया, अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ भी उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा कलपुर्जा विनिर्माताओं को आंतरिक पुर्जों तथा कच्चे माल का अधिकतम स्थानीयकरण करना चाहिए। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अनुकूल होगा। आयुकावा ने कहा, ‘‘आपदा में भी अवसर है। भू-राजनीतिक तनाव के जोखिमों को कम करने के लिए कई कंपनियां चीन से अपने संयंत्रों को हटा रही हैं। हमें उस निवेश को भारत में लाने का प्रयास करना चाहिए या फिर उनके साथ गठजोड़ कर देश में उत्पादन करना चाहिए।’’ आयुकावा ने कहा कि चुनौतियां अभी कायम हैं। उन्होंने कलपुर्जा उद्योग का आह्वान किया कि वह इस चुनौतीपूर्ण समय में अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उत्पादन बढ़ाए।