घाटी में आईएसआई के सक्रिय आतंकी की शह पर फैला रहा आतंक

डीजीपी (terror) जेल की हत्या में द रजिस्ट्रेंस फ्रंट ने आतंकी वारदात की जिम्मेदारी ली है। घाटी में स्लीपर सेल के तौर पर ये आतंकी (terror) संगठन न सिर्फ सक्रिय है,, बल्कि घाटी के युवाओं को गुमराह कर रहा है। कश्मीर घाटी में हो रही वारदातों के पीछे भी मुजफ्फराबाद में बैठे शख्स का हाथ है। जिस तरह से टीआरएफ ने डीजीपी की हत्या की जिम्मेदारी ली है, वह इशारा करता है कि पीओके में बैठा आतंकी अपने नेटवर्क को घाटी में मजबूत करने की पूरी कोशिश कर रहा है।
आईएसआई ने घाटी में आतंक को फैलाने की कमान ऐसे शख्स को दी है, जिसका नेटवर्क भारत में पहले से बना हुआ है। संसद हमले में शामिल रहे आतंकी से करीबी रिश्तेदारी के चलते ही आईएसआई ने घाटी में आतंकवाद फैलाने का दांव लगाया था।
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सभी संगठन पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद के अलावा हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों का ही एक अलग आतंकी संगठन है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी कहते है पीओके के मुजफ्फराबाद में बैठे जिस शख्स के इशारे पर इस वक्त घाटी में थोड़ी बहुत हलचल हो रही है वह उसके निशाने पर है।