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कलारी शारीरिक-मानसिक रूप से भी सशक्त बनाता है : काजल अग्रवाल

दक्षिणी सिनेमा की जानी मानी अभिनेत्री काजल अग्रवाल ने कहा कि प्राचीन मार्शल आर्ट एक सुंदर अभ्यास है जो साधक को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाता है। काजल ने खुलासा किया है कि वह तीन साल से अधिक समय से कलारीपयट्टू सीख रही हैं।कलारी सत्र के दौरान अपना एक वीडियो पोस्ट कर काजल ने लिखा, कलारीपयट्टू एक प्राचीन भारतीय मार्शल आर्ट है, जिसका मतलब है – युद्ध के मैदान की कला में अभ्यास।

इस कला रूप का जादू शाओलिन, कुंग फू और इसके परिणामस्वरूप कराटे और ताइचंडो के जन्म में विकसित हुआ। कलारी का इस्तेमाल आमतौर पर गुरिल्ला युद्ध के लिए किया जाता था और यह एक सुंदर अभ्यास है जो साधक को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाता है।तीन वर्षों में इसे रुक-रुक कर सीखने के लिए आभारी हूं! सीवीएन कलारी (उनका कलारी स्कूल) शानदार और इतना धैर्यवान रहा है, समय के साथ अलग-अलग डिग्री पर सीखने और प्रदर्शन करने की मेरी क्षमता के अनुसार मेरा मार्गदर्शन किया।

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ऐसे अद्भुत टीचर होने के लिए धन्यवाद।दिलचस्प बात यह है कि चार महीने पहले ही एक बच्चे को जन्म देने वाली अभिनेत्री काजल, कलारी का अभ्यास करने के अलावा घुड़सवारी भी सीख रही हैं। इतना ही नहीं, वह निर्देशक शंकर की बहुप्रतीक्षित इंडियन 2 की शूटिंग के लिए वापस आ गई हैं, जिसमें कमल हासन मुख्य भूमिका में हैं।

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