जयपुर । दीपावली (cut off) का त्योहारी सीजन आ रहा, वही राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (RUVNL) की असेसमेंट रिपोर्ट में साल 2022-23 में प्रदेश में बिजली की पीक आवर्स में डिमांड 17757 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। जबकि उपलब्ध कैपेसिटी 12847 रहने का अनुमान है।
ऐसे में दिल्ली पहुंचे राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने केवल 3 रैक कोयला बढ़ाने पर सहमति (cut off) दी है। राजस्थान को सारे प्रयासों के बाद सिर्फ 12500 मेगावाट बिजली ही रोजाना मिल रही है।
तकरीबन ढाई हजार मेगावाट बिजली की किल्लत रोज है। छत्तीसगढ़ में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUNL) को अलॉट कोल माइंस पारसा ईस्ट एंड कैंटे बासन कोल ब्लॉक में कोयला खत्म हो गया । कोयला सप्लाई और बिजली प्रोडक्शन के हालात नहीं सुधरे तो, प्रदेश के लोगों को बड़े पावर कट का सामना करना पड़ सकता है।
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUNL) के CMD और अफसरों की घोर लापरवाही के कारण राजस्थान को आज बिजली संकट के हालत से गुजरना पड़ रहा है। कोयले की सप्लाई में हुई कमी के कारण करीब 2000 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन प्रभावित होगा। ट्रेन की एक रैक में 4000 मीट्रिक टन कोयला आता है। प्रदेश के सभी 6 थर्मल प्लांट्स में केवल 11 दिन का ही कोयला स्टॉक बचा है।