बैंक में 42 लाख रुपए की करेंसी सीलन(Currency worth )की वजह से सड़ गई

कानपुर: आरबीआई ने शाखा के चेस्ट करेंसी का निरीक्षण किया, तो उसमें 14 लाख 74 हजार 500 अधिकतम और 10 लाख रुपए न्यूनतम होने की रिपोर्ट दी गई थी. इसके साथ ही 10 रुपये के 79 बंडल और 20 रुपये के 49 बंडल खराब होने की जानकारी दी गई थी. सूत्रों की माने उसके एक बाद जब दोबारा गिनती कराई गई तो उसमें पता चला कि 42 लाख रुपये के नोट सड़ गए हैं.
आरबीआई के द्वारा जुलाई महीने की ऑडिट किया गया तो पूरा मामला सामने आया.
बैंक में नोटों को बक्से को रखने में लापरवाही यह हुई कि इन्हें बड़ी तिजोरी में नहीं रखा गया
सरकारी अफसरों की लापरवाही से उत्तर प्रदेश के कानपुर के एक बैंक में 42 लाख रुपए की करेंसी बरसात की सीलन (Currency worth ) की वजह से सड़ गई और गल गई. सबसे बड़ी बात यह रही कि इसकी भनक अफसरों तक को नहीं लगने दी गई. जब मामला सामने आया तो चार अफसरों पर कार्रवाई हुई और सस्पेंड कर दिया गया है.
कानपुर शहर कि पंजाब नेशनल बैंक पांडू नगर शाखा में करेंसी चेस्ट में रखे गए लाखों रुपए सड़ गए. अधिकारी इसे छुपा रहे थे, लेकिन जब आरबीआई के द्वारा जुलाई महीने की ऑडिट किया गया तो पूरा मामला सामने आया. इसमें पता चला कि बक्सों में रखे 42 लाख रुपए की करेंसी नोट सीलन से सड़ गए. इस पूरे मामले में वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट इंचार्ज सहित चार अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है. इनमें से तीन ऐसे अफसर हैं जो कुछ ही समय पहले पीएनबी की पांडू नगर शाखा में तबादला हो कर आए हैं.
जब आरबीआई ने 25 जुलाई से 29 जुलाई तक शाखा के चेस्ट करेंसी का निरीक्षण किया, तो उसमें 14 लाख 74 हजार 500 अधिकतम और 10 लाख रुपए न्यूनतम होने की रिपोर्ट दी गई थी. इसके साथ ही 10 रुपये के 79 बंडल और 20 रुपये के 49 बंडल खराब होने की जानकारी दी गई थी. सूत्रों की माने उसके एक बाद जब दोबारा गिनती कराई गई तो उसमें पता चला कि 42 लाख रुपये के नोट सड़ गए हैं.
कुछ लोग और बैंक कर्मचारी संघ के नेता इस पूरे मामले में कार्रवाई पर भी सवाल उठा रहे हैं और उनका आरोप है कि बड़े अफसरों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि देवीशंकर वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट को सस्पेंड किया गया है. वह 25 जुलाई को तबादला होकर बैंक शाखा में आए हैं और यह नोट गलने की घटना उसके पहले की है.
बैंक में नोटों को बक्से को रखने में लापरवाही यह हुई कि इन्हें बड़ी तिजोरी में नहीं रखा गया और कैश आने पर लगातार बक्सों में भरकर उन्हें चेस्ट करेंसी अंडर ग्राउंड में पीछे की तरफ खिसका दिया गया, जिससे ज्यादा समय हो जाने के कारण नमी से नोट सड़ गए.