सहकारी ऋण समितियों के बकायादार किसानो को आदेश, बकाया धनराशि जमा करें !

मैनपुरी 15 सितम्बर, 2022 – सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक, सहकारिता अमित त्यागी ने बताया कि जिला सहकारी बैंक लि., सहकारी ऋण समितियों के बकायादार किसान एकमुश्त समझौता योजना (ओ.टी.एस.) के तहत बकाया की धनराशि जमा करें। उन्होने कहा कि ऋण वसूली के लिये व्यापक स्तर पर विशेष ओ.टी. एस. वसूली अभियान चलाया जा रहा है। एकुमुश्त समझौता योजना के अन्तगर्त 8618 बकायेदार सदस्य है। जिन पर अभी रू. 1964.57 लाख ऋण बकाया है। बकायेदारों से वसूली के लिये एकमुश्त समझौता योजना लागू है। जिसकी अन्तिम तिथि 30 सितम्बर 2022 निधार्रित है।
सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक , सहकारिता, सचिव, मुख्य कायर्पालक अधिकारी जिला सहकारी बैंक लि. ने बताया कि एकमुश्त समझौता योजना में 31 मार्च 1997 से पूर्व वितरित फसली ऋणों में कृषक मूलधन जमा कर सकते है, उन्हें कोई ब्याज नही देना होगा । 01 अप्रैल 1997 से 31 मार्च 2012 के मध्य वितरित फसली ऋणों में कृषक को मूलधन व मूलधन के बराबर ब्याज की धनराशि जमा करके योजना का लाभ उठा सकते है। जबकि 01 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 के मध्य वितरित फसली ऋण पर 50 प्रतिशत ब्याज की छूट प्रदान की जायेगी।
बकायेदार सदस्य 30 सितम्बर 2022 तक एकमुश्त ऋण जमा करके या 04 किश्तों में ऋण की अदायगी कर योजना का लाभ ले सकते है। एकमुश्त समझौता योजना में किसान बकाये ऋण की अदायगी कर पुनः ऋण प्राप्त कर सकते है। एकमुश्त समझौता योजना में किसानों को काफी सहूलियत दी जा रही है। इतना ही नही बकायेदारों से ऋण वसूली के लिये बैंक द्वारा टीम गठित कर दी गयी है जो लगातार क्षेत्र में भ्रमण करेगी। खासतौर से बकाया ऋण वसूली के लिये व्यापक स्तर पर रणनीति बनाकर कार्य किया जा रहा है।