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इस शहर में ब्रह्मा ने किया था पहला यज्ञ, भगवान विष्णु हैं यहां के अधिष्ठाता !

क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा शहर है जिसके बारे में पौराणिक मान्यता है कि सृष्टि की रचना के बाद यहां भगवान ब्रह्मा ने पहला यज्ञ किया था. इतना ही नहीं इस शहर के अधिष्ठाता भगवान विष्णु को माना जाता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज की.

गंगा, यमुना और गुप्त सरस्वती नदियों के संगम पर है प्रयागराज

प्रयागराज गंगा, यमुना और गुप्त सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है. इस संगम को त्रिवेणी कहा जाता है. धर्म और आध्यात्म की नगरी प्रयागराज हिंदुओं का बेहद पवित्र स्थल है. प्राचीन प्रयाग में ही आर्यों की प्रारंभिक बस्तियां स्थापित हुई थी. यह शहर अपने गौरवशाली अतीत एवं वर्तमान के साथ भारत के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्ता को समेटे हुए है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रयागराज में सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था. इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना. इस तरह उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहां भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था.  यह भी कहा जाता है कि इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं.

प्रयागराज
प्रयागराज

वे यहां माधव रूप में विराजमान हैं. भगवान के यहां बारह स्वरूप विध्यमान हैं. जिन्हें द्वादश माधव कहा जाता है. प्रयागराज में प्रत्येक 12 वर्ष के बाद महाकुंभ लगता है

जो कि हिंदू धर्म और आस्था का सबसे बड़ा उत्सव है. पौराणिक मान्यता के हिसाब से यह शहर सोम, वरूण और प्रजापति की जन्मस्थली है. यह क्षेत्र ऋषि भारद्वाज और ऋषि दुर्वासा की ज्ञानस्थली थी. प्रयागराज के झूंसी क्षेत्र के करीब चंद्रवंशी राजा पुरुरव का राज्य था.

2018 में इस शहर का नाम इलाहाबाद से कर दिया गया प्रयागराज

1575 ई० में सम्राट अकबर ने इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) के नाम से शहर की स्थापना की थी. जिसका अर्थ ह्लअल्लाह का शहरह्व है. बाद में 16 अक्टूबर 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस शहर का नाम इलाहाबाद से बदलकर प्रयागराज कर दिया. लंबे वक्त तक इस शहर में मुगलों की प्रांतीय राजधानी थी जिसे बाद में मराठाओं द्वारा कब्जा कर लिया गया था. 1801 ई० में अवध के नवाब ने इस शहर को ब्रिटिश शासन को सौंप दिया था.                                                                                                                                                                                                                  1857 ई० में यह शहर आजादी के युद्ध का केंद्र था और बाद में अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की गढ़ बन गया. प्रयागराज ने स्वतंत्रता के पश्चात भारत को सबसे बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री दिये जिनमें जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, वी.पी.सिंह और चंद्रशेखर शामिल हैं.

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