चीते की मौजूदगी ने बढ़ाई पर्यटन की उम्मीद

मध्यप्रदेश (hope of tourism) में श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीते लाए जाने की आहट के बीच ही आसपास के इलाकों की जमीनों के भाव आसमान (hope of tourism) छूने लगे हैं। साथ ही पर्यटन बढ़ने की संभावना में यहां रिसॉर्ट और होटल कारोबार के फलने-फूलने की उम्मीदें भी बहुत बढ़ गई हैं।
कहीं 7 लाख तो कहीं 11 लाख रुपए बीघा, जबकि पहले यही जमीन 80 हजार से एक लाख रुपए बीघे तक में कोई लेने तैयार नहीं था। हमने आमने-सामने की जितनी जमीनों की पूछपरख की तो लोगों ने बताया कि इसका सौदा हो गया है, या हो रहा है।
अब जो जमीनें बची हैं, वो ज्यादातर आदिवासियों की है, जो उन्हें सरकार से पट्टे पर मिली हुई है।जमीन के दाम चीतों के आने की खबर भर से 5 से 10 गुना तक बढ़ गए हैं। आलम ये है कि सेसईपुरा से टिकटौली के एंट्री गेट को जोड़ने वाली बेजान सड़क के किनारे की ज्यादातर जमीनों के सौदे हो गए हैं या हो रहे हैं।
पालपुर राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाले ऋषिराज सिंह ने तो रिसोर्ट का निर्माण शुरू करवा दिया था। फिलहाल वे यहां 12 कमरे बना रहे हैं। वे मानते हैं कि पिछले साल तक यहां जमीनों के दाम 1 से 3 लाख रुपए बीघा थे, जो बढ़कर अब 11.5 लाख के पार हो गए हैं। जमीन खरीदने वालों में कई लोग राजस्थान के हैं।