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बलूच महिलाओं पर पुलिस का अत्याचार, कराची की सड़कों पर जबरन घसीटा !

कराची, एजेंसी-  पाकिस्तान में लापता लोगों की रिहाई की मांग कर रही बलूच महिलाओं पर पुलिस ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं। कराची की सड़कों पर पुलिस ने इन महिलाओं को बुरी तरह से घसीटा है। मानवाधिकार कार्यकर्ता अशरफ बलोच ने कहा कि यह तथाकथित इस्लामिक रिपब्लिक आफ पाकिस्तान की तस्वीर है। बता दें कि पाकिस्तान में बलूचिस्तानियों के साथ आए दिन अत्याचार होता रहता है।

मानवाधिकार कार्यकर्ता ने की निंदा

मानवाधिकार कार्यकर्ता अशरफ बलोच ने ट्वीट किया, ‘यह तथाकथित इस्लामिक रिपब्लिक आफ पाकिस्तान है। जहां लापता लोगों की रिहाई की मांग करने वाले महिलाओं को कराची की सड़कों पर घसीटा जा रहा है। दुर्भाग्यवश, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है।’ नागरिक समाज के प्रयासों के बावजूद, पाकिस्तान में जबरन गायब होने के मुद्दे का कोई अंत नहीं हो पाया है। कााफअर ने बताया कि यह विडंबना है कि पाकिस्तान की सरकारों ने जबरन गायब होने के मामलों को खत्म करने का संकल्प लिया है, लेकिन इसका कोई अंत नहीं हो पाया है।

सेना को ठहराया जा रहा है जिम्मेदार

बता दें कि पाकिस्तान की यह असलियत है कि वह लोगों को लापता करने में काफी सहज है। इसका इस्तेमाल करके सवाल करने वाले लोगों को डराने और आतंकित करता है। पूर्व सांसदों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने (30 अगस्त) पर कानून बनाने की मांग की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य संस्थानों पर सीमाएं निर्धारित हो।

पाकिस्तान के सेनाओं पर करीब 5,000 से 8,000 व्यक्तियों के गायब होने के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया जाता है।

बलूचिस्तान में सबसे अधिक लोग गायब

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बलूचिस्तान के कार्यकर्ता लापता की सूची में सबसे ऊपर हैं। बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांतों में जबरन गायब होने के मामले काफी अधिक दर्ज किए गए हैं, जहां सक्रिय अलगाववादी आंदोलन होते रहते हैं। शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं मनमाने ढंग से गिरफ्तार कर लिया जाता है।

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