यूपी के 19 हजार ईंट-भट्ठा मालिकों ने माल नहीं बेचने का किया फैसला
लखनऊ । मकान (do not sell goods) बनाने वाले या किसी तरह का निर्माण करने वालों की परेशानी बढ़ने वाली है। ऐसे में इस फैसले से भी हमारे कारोबार को नुकसान होने वाला है। स्थिति यह है कि जो कोयला 9000 रुपए टन मिलता था उसके लिए अब 18 से 27 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है। यूपी में अगले 12 से 17 सिंतबर तक ईंट (do not sell goods) की बिक्री नहीं होगी।
जीएसटी काउंसिल के फैसलों के खिलाफ और बिजनेस के लिए सरल नियम बनाने की मांग को लेकर यूपी ईंट-भट्ठा मालिक कोई बिक्री नहीं करेंगे। लखनऊ ब्रिक किल्न एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि 19 हजार ईंट-भट्टा मालिक ने अपना काम बंद करने का ऐलान किया है।उसके बाद भी सरकार ने हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है।
ऐसे में अब आंदोलन के अलावा कोई चारा नहीं बचता है। भट्ठा मालिकों के काम बंद करने से यूपी सरकार के राजस्व पर भी बड़ा असर पड़ेगा। यूपी में 38 लाख लोग ईंट-भट्ठा कारोबार से जुड़े है। ईंट भट्ठा मालिकों ने पहले ही मांगों को लेकर अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक अपने ईंट भट्ठा का काम पूरी तरह से बंद रखने का ऐलान कर चुके हैं। आंदोलन के उसी कड़ी में अगले पांच दिनों तक कोई बिक्री न करने का फैसला किया है।