लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में जाकर क्वीन की भव्य राजकीय अंतिम संस्कार

लंदन । रानी (grand state) की अंतिम यात्रा रविवार को शुरू हो गई। उनका अंतिम संस्कार सोमवार 19 सितंबर को होगा। क्वीन के ताबूत को बाल्मोरल से एडिनबर्ग ले जाया गया। 6 घंटे की यात्रा के बाद ताबूत स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में साम्राज्ञी के महल होलीरूडहाउस पहुंचा।
सामान्य तौर पर 700 से ज्यादा लोग इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार इतनी संख्या की गुंजाइश नहीं दिखी, क्योंकि शॉर्ट नोटिस (grand state) पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।
किंग चार्ल्स भी इस दौरान कई कार्यक्रमों में रहेंगे। स्कॉटलैंड में अपनी मां की शोक यात्रा में भाग लेने के साथ वह उत्तरी आयरलैंड और वेल्स में राजनीतिक और नागरिक नेताओं से मिलने भी जाएंगे। इस दौरान ब्रिटेन के मौजूदा और पूर्व नेताओं ने कार्यक्रम शिरकत की। इसमें 6 पूर्व प्रधानमंत्री भी थे।
अंतिम यात्रा चार दिन बाद लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में जाकर भव्य राजकीय अंतिम संस्कार पर खत्म होगी। आखिरी बार ब्रिटेन में 1965 में सर विंस्टन चर्चिल का राजकीय अंतिम संस्कार किया गया था। एडिनबर्ग के सेंट जाइल्स चर्च में क्वीन के ताबूत को रखा जाएगा। यहां आम लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे।
इसके बाद लंदन में वेस्टमिंस्टर हॉल में पूरे चार दिनों लोग उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देंगे। अब उन्हें किंग चार्ल्स-III कहकर बुलाया जाएगा। चार्ल्स को अपने पिता की उपाधि ड्यूक ऑफ कॉर्नवाल विरासत में मिली है। ऐसे में उनकी पत्नी कैमिला, अब डचेस ऑफ कॉर्नवाल कहलाएंगी।