नाक (Nasal ) के रास्ते दिए जाने वाले कोविड-19 टीके अपने तीनों परीक्षण में सफल हुए थे.
नई दिल्ली. भारत बायोटेक के इंट्रानेजल (Nasal ) (नाक के जरिए दी जाने वाली) वैक्सीन को कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इससे पहले बीते 15 अगस्त को कंपनी ने नाक के रास्ते दिए जाने वाले कोविड-19 टीके के तीसरे चरण के सफल परीक्षण की घोषणा की थी. भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने बताया था कि नाक के जरिये दिए जाने वाले कोविड-19 टीका ‘बीबीवी154’ तीसरे चरण के नियंत्रित क्लीनिकल परीक्षण में सुरक्षित, बेहतर तरीके से सहन करने योग्य और प्रतिरक्षाजनक साबित हुआ है.
टीके के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण भी सफल रहे थे. बीबीवी154 को खासतौर पर नाक के जरिये शरीर में पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है. नाक के जरिये टीके की खुराक देने के अलावा इसे इस तरह से डिजाइन व विकसित किया गया है जिससे निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों के लिए यह मूल्य के लिहाज से किफायती हो.
बीबीवी154 को सेंट लुइस स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय की साझेदारी में तैयार किया गया है. प्री क्लीनिकल सुरक्षा आकलन,बड़े पैमाने पर निर्माण, फॉर्मूला और मानव पर क्लीनिकल परीक्षण सहित वितरण प्रणाणी पर काम भारत बायोटेक ने किया. केंद्र सरकार ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के तहत उत्पाद के विकास और क्लीनिकल परीक्षण के लिए आंशिक वित्तपोषण किया.
परीक्षण के दौरान बीबीवी154 के प्राथमिक खुराक (शुरुआती दो खुराक) के तौर पर प्रभाव और कोविड-19 के अन्य टीके की दो शुरुआती खुराक लेने वालों को तीसरी खुराक पर बीबीवी154 को देने पर होने वाले असर का आकलन किया गया.