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भारत को मिलेगी सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ पहली स्वदेशी वैक्सीन

नई दिल्ली । भारत (indigenous vaccine) को सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ आज पहली स्वदेशी वैक्सीन (indigenous vaccine) मिलने वाली है। इसका नाम ‘क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस वैक्सीन (qHPV)’ है। इसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) ने मिलकर बनाया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह गुरुवार को यह वैक्सीन लॉन्च करेंगे। यह कैंसर देश में महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर के ज्‍यादातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के अलग-अलग तरह की स्ट्रेन्स की वजह से होते हैं। HPV एक आम यौन रोग है, जो जननांग में मस्‍से के रूप में दिखता है।

फिर धीरे-धीरे यह सर्वाइकल सेल्स को कैंसर सेल्स में बदल देता है। उधर, दुनिया की बात करें तो सर्वाइकल कैंसर में भारत का नंबर 5वां है। साथ ही यह बीमारी 15 से 44 वर्ष की महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों की दूसरी सबसे कॉमन वजह है।

इस वैक्सीन को हम अपने छोटे बच्चों और बेटियों को लगाते हैं, तो वह इसके संक्रमण से सुरक्षित रहेंगी और हो सकता है कि देश में 30 साल के बाद कैंसर न हो। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स के सेल्स (कोशिकाओं) को इफेक्‍ट करता है। सर्विक्स यूट्रस के निचले भाग का हिस्सा है, यह वजाइना से ही जुड़ा होता है।

कैंसर इस हिस्‍से के सेल्स को इफेक्‍ट करता है। डॉ अरोड़ा ने आगे कहा- यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर पर बहुत असरदार है और यह वैक्सीन इस कैंसर को रोकता है। 85-90% मामलों में सर्वाइकल कैंसर वायरस की वजह से होता है। यह वैक्सीन उस वायरस के खिलाफ है।

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