उइगर मुस्लिमों(Uighur Muslims) पर अत्याचार, मानवता के खिलाफ अपराध

जिनेवा: चीन की शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों (Uighur Muslims) पर जारी अत्याचार को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट जारी कर दी गई है. जिसमें कहा गया है कि चीन द्वारा उइगरों और अन्य मुस्लिम जातीय समूहों की भेदभावपूर्ण हिरासत मानवता के खिलाफ अपराध हो सकती है. इस रिपोर्ट में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के बीजिंग के अभियान में यातना और अन्य अधिकारों के उल्लंघन के आरोपों पर तत्काल अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दखल देने की मांग की गई है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने रिपोर्ट को वापस लेने के लिए चीन की अपील को खारिज कर दिया. बाचेलेट मई में शिनजियांग का दौरा किया था और इस रिपोर्ट को तैयार किया था. बीजिंग का दावा है कि चीन की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए ये रिपोर्ट पश्चिमी देशों के अभियान का हिस्सा है.संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने बताया कि यह रिपोर्ट कई महीनों से तैयार थी. बाचेलेट के चार साल के कार्यकाल पूरे होने के कुछ मिनट पहले ही जारी की गई. जिसमें सालों शिजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के बारे में होने वाले अत्याचारों का दस्तावेजों के साथ चित्रण किया गया है.
‘बीजिंग इस रिपोर्ट का मजबूती से विरोध करता है’
यह रिपोर्ट चीन के शिनजियांग प्रांत से बच कर भागे उइगर मुसलमानों और उनके परिवारों से तथ्यात्मक बातचीत के आधार पर तैयार की गई है. वहीं इस रिपोर्ट के जारी होने से पहले संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने कहा कि बीजिंग इस रिपोर्ट का “दृढ़ता से विरोध” कर रहा है. उन्होंने मीडिया से कहा, “हमने अभी तक इस रिपोर्ट को नहीं देखा है, लेकिन हम इस तरह की रिपोर्ट का पूरी तरह से विरोध करते हैं, हमें नहीं लगता कि इससे किसी का भला होगा.”
बता दें कि इससे पहले भी मानवाधिकार कार्यकर्ता उइगर मुसलमानों पर ढाए जाने वाले जुल्मों के खिलाफ आवाज उठाई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच भी पीड़ित उइगर मुसलमानों से बातचीत कर कई रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं.