युद्धाभ्यास के दौरान पैराशूट हादसे में चली गयी पैरा कमांडो की जान

हाथरस । वास्तविक (Para commando’s life) नियंत्रण रेखा (एलएसी) लद्दाख में सोमवार को युद्धाभ्यास के दौरान हुए पैराशूट हादसे में क्षेत्र के गांव बरामई के पैरा कमांडो की जान (Para commando’s life) चली गई। परिवार में सभी लोग सदमे में हैं। पिता सुग्रीव सिंह ने बताया है कि हरवीर सिंह देश के लिए ही जन्मा था।
हरवीर सिंह की वीरता के लिए उसे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेना मेडल से सम्मानित किया गया था।घटना के बाद कमांडो का परिवार सदमे में है। मंगलवार देर शाम पैरा कमांडो का शव गांव लाया जाएगा। छोटा बेटा हेमंत गांव में कृषि कार्य देखता है। 2002 में हरवीर सिंह का चयन 22 राज राइफल्स भारतीय सेना में हुआ था।
पहली तैनाती दिल्ली में थी।हाल ही में भारत चीन के बीच सीमा पर बड़े तनाव के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा किया था। इसलिए हरवीर सिंह को लद्दाख बुलाया गया था। कई दिनों से वास्तविक नियंत्रण रेखा लद्दाख में भारतीय सेना द्वारा युद्ध अभ्यास किया जा रहा है। बरामई के रहने वाले सुग्रीव सिंह के चार बेटे हैं।
बड़ा बेटा ओमवीर भारतीय सेनामें लद्दाख में तैनात है। दूसरा बेटा हरवीर सिंह पैरा कमांडो है, जो आगरा में तैनात है। तीसरा बेटा प्रेमवीर सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस में सेवा दे रहा है। सोमवार को युद्ध अभ्यास के दौरान हरवीर सिंह ने भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर से छलांग लगाई थी। दुर्भाग्यवश उनका पैराशूट नहीं खुला। इस हादसे में पैरा कमांडो हरवीर सिंह की जान चली गई। हादसे की जानकारी परिजनों को हुई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।