
मध्यप्रदेश (digging) के धार में एक जर्जर मकान की खुदाई (digging) के दौरान मजदूरों को एक दिन पहले सोने की 86 गिन्नियां मिली हैं। इसे 8 मजदूरों ने आपस में बांट लिया था। इसकी भनक मकान मालिक शिवनारायण तक को नहीं थी। सभी 8 मजदूर हिम्मतगढ़ के रहने वाले हैं और पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर चुकी है।
इंदौर से आई आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट की टीम ने सोमवार को गिन्नियों की जांच की। जांच में ये गिन्नियां 200 साल पुरानी पाई गई हैं। इनका संबंध जोधपुर रियासत से है। एक गिन्नी करीब 11 ग्राम की है। टीम अपनी रिपोर्ट अब हेड ऑफिस भेजेगी।
इंदौर से आए पुरातत्व विभाग के आशुतोष महाशब्दे ने बताया कि गिन्नियों पर लिखी भाषा के बारे में इंदौर जाकर जांच करेंगे। एक हिस्से में परिवार रहता है। दूसरा हिस्सा जर्जर था और इसे तोड़कर नया मकान बनाया जा रहा है। मजदूर एक महीने से यहां काम कर रहे हैं।
मजदूरों को जन्माष्टमी और इसके दो दिन बाद दीवार गिराते समय गिन्नियां मिली थीं। टीम ने जांच में पाया कि 84 गिन्नियां हैं, बाकी 2 गिन्नी जैसे दिखने वाले सोने के टुकड़े या किसी लॉकेट का हिस्सा हो सकते हैं। ये मुगलकालीन हैं। इस पर आगे रिसर्च की जाएगी।
इसके ठीक सामने भी खोदा गया, यहां टूटे हुए करवे (मिट्टी के छोटे घड़े) के कुछ टुकड़ों के अलावा कुछ नहीं मिला। इसके बाद टीम वापस लौट गई। इस दौरान तहसीलदार विनोद राठौड़ और टीआई समीर पाटीदार मौजूद रहे। वहीं, एक गिन्नी जिस किसी भी व्यक्ति को मजदूर ने बेची है, पुलिस उसका पता लगा रही है।
इंदौर पुरातत्व विभाग संग्रहालय से आए अधिकारी ने पुलिस कोतवाली जाकर जब्त गिन्नियां देखीं।