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चीन में पड़ रहा 61 साल का सबसे भीषण सूखा

बीजिंग । चीन (severe drought): में 61 साल का सबसे भीषण सूखा (severe drought): पड़ रहा है। 165 शहरों में हीट वॉर्निंग अलर्ट जारी की गई है। मध्य और दक्षिणी चीन के लगभग 25 शहरों में पारा 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया है। लाहौर मंडी के थोक व्यापारी जावेद रिजवी ने बताया कि बलूचिस्तान, सिंध और पंजाब में बाढ़ से सब्जियों की पैदावार बर्बाद हो गई है।

अफगानिस्तान-ईरान से आने वाली सब्जियों के दाम अधिक होने के कारण अब भारत से टमाटर और प्याज को आयात करने की तैयारी की जा रही है। बढ़ते तापमान और सूखे से निपटने के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दो प्रांतों में क्लाउड सीडिंग से आर्टिफिशियल बारिश कराई, इससे सिचुआन और चुंगचिंग प्रांत के 15 शहरों में बाढ़ और लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ गया है।

इन शहरों के एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। सितंबर में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सेशन में जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल पर मुहर प्रस्तावित है। उधर, चीन में कोरोना के केस मुसीबत बने हुए हैं।

केस बढ़ने पर सोमवार को शेनजेन स्थित दुनिया के सबसे बड़े होलसेल इलेक्ट्रॉनिक मार्केट को बंद कर दिया गया है। जियांग्शी प्रांत स्थित चीन की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील पोयांग झील करीब 75% सूख चुकी है। इसके सूखने से स्थानीय इलाकों में पीने की पानी और सिंचाई की समस्या पैदा हो गई है।

चीन में जुलाई-अगस्त में पिछले साल की तुलना में 40% कम बारिश हुई है। 40 करोड़ लोगों की लाइफलाइन यांग्त्जी नदी सूख चुकी है। सिचुआन सहित चीन के 6 प्रांतों में 22 लाख हेक्टेयर में फसल सूख गई है।

सिंतबर में कम्युनिस्ट पार्टी के अधिवेशन से पहले जिनपिंग ने लियांग गी कुईली नामक प्रचार अभियान छेड़ा है। इसका मतलब दोहरी भूमिका होती है। यानी जिनपंग पार्टी के सर्वोच्च नेता और सरकार के मुखिया के तौर पर एकछत्र नेता हैं। सूखे और बाढ़ की हालिया आपदा से जिनपिंग की महत्वाकांक्षी दोहरी भूमिका पर खतरा पैदा हो गया है।

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