हाईकोर्ट ने अब्बास की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका को खारिज(rejects the anticipatory ) किया

लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने मुख़्तार अंसारी के बेटे और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज (rejects the anticipatory ) कर दी है. अब्बास पर फर्जीवाड़ा कर लखनऊ के पते से दिल्ली के पते पर शस्त्र लाइसेंस ट्रांसफर कराने और उस पर प्रतिबंधित बोर के असलहे और कारतूस लेने का आरोप है. निचली अदालत से अब्बास को पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुकी है.
सोमवार को हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने अब्बास की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अभियुक्त ने खुद को इंटरनेशनल शूटर बताते हुए जो हथियार अपने पास रखे वह स्पोर्ट्स शूटिंग में प्रतिबंधित हैं लिहाजा यह एक गंभीर मामला है, जिसको देखते हुए अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई. कोर्ट ने आगे कहा कि इस मामले में निचली अदालत ने अभियुक्त को सात बार समन, दो बार जमानती वारंट जारी किया. इसके बावजूद अभियुक्त कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ.
लोअर कोर्ट जारी कर चुकी है गैर जमानती वारंट
इसके बाद निचली अदालत ने 15 जुलाई, 27 जुलाई और 11 अगस्त को अभियुक्त के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया, जिसके बाद भी अभियुक्त ने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया. बाद में न्यायिक प्रक्रिया के तहत अभियुक्त के खिलाफ फरारी की उद्घोषणा जारी की गई. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद अभियुक्त को अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त को ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करके न्यायिक प्रक्रिया के तहत ज़मानत लेने की प्रक्रिया कर
4 हजार कारतूस और 8 असलहे बरामद हुए थे
वहीं अब्बास की अग्रिम जमानत जमानत याचिका का विरोध करते हुए सरकारी वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि अभियुक्त के कब्जे से चार हजार से ज्यादा कारतूस बरामद किए गए थे, आठ असलहे बरामद किए गए थे. सरकारी वकीलों की ओर से दलील दी गई कि जो असलहे और कारतूस अब्बास के कब्जे से बरामद किए गए थे वह मेटल के थे. जिन्हें स्पोर्ट्स शूटिंग में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. यही नहीं, अभियुक्त ने असलहों को खरीदने के लिए एक ही लाइसेंस की दो यूआईडीका इस्तेमाल किया था. अभियुक्त के आपराधिक इतिहास की जानकारी भी कोर्ट को दी गई.
बता दें कि लखनऊ की महानगर कोतवाली में अब्बास अंसारी के खिलाफ धोखाधड़ी ,जालसाजी और आर्म्स एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज हुआ था. बाद में मामले की विवेचना एसटीएफ को दी गई थी.