इस्लामिक मिशन स्कूल में हिंदी नहीं पढ़ाने के सवाल पर बच्ची को निकाला

अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में इस्लामिक मिशन स्कूल में हिंदी नहीं पढ़ाने ( teaching Hindi) के सवाल पर बच्ची को निकाल दिया गया. बच्ची के पिता मोहम्मद आमिर ने स्कूल प्रशासन से पूछा कि हिंदी क्यों नहीं पढ़ा रहे. स्कूल प्रशासन ने नर्सरी क्लास की बच्ची को स्कूल से निकाल दिया. बच्ची के परिजनों ने डीएम कार्यालय पर न्याय की गुहार लगाई है. डीएम ने संबंधित अधिकारी को जांच के निर्देश दिये हैं. मामला इस्लामिक मिशन स्कूल किला रोड का बताया जा रहा है.
छात्रा के पिता मोहम्मद आमिर ने बताया है कि मैंने अपनी बेटी का इस्लामिक मिशन स्कूल में नर्सरी में एडमिशन कराया था. एडमिशन के 6 महीने बाद हम लोग स्कूल गए थे और पूछा था हमारी बेटी को हिंदी क्यों नहीं पढ़ाई. होमवर्क क्यों नहीं चेक किया अभी तक. बच्ची की परफॉर्मेंस कैसी है. इस दौरान स्कूल के संचालक द्वारा हमारे किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया गया है. हमारे ऊपर बदसलूकी का आरोप लगाया गया है. हद तब पार हो गई तो इसी बात को लेकर हमारी बेटी को स्कूल से निकाल दिया गया.
छात्रा के पिता ने बताया कि 6 महीने में हमारी बेटी को हिंदी नहीं पढ़ाई गई और न ही वहां राष्ट्रगान होता है. साल में सिर्फ दो बार राष्ट्रगान होता है 15 अगस्त और 26 जनवरी को. मेरे द्वारा डीएम साहब को इसकी लिखित शिकायत दी गई थी, जिस पर डीएम साहब ने जांच के आदेश दिए हैं. मैंने पूछा था कि हिंदी क्यों नहीं पढ़ाई जाती? तो स्कूल संचालक ने कहा था आपको पूछ कर थोड़ी ना पढ़ाया जाएगा.
डीएम से शिकायत के बाद अब स्कूल संचालक ने मुझसे कहा है कि अपनी बेटी के फीस के पैसे वापस ले लो और कहीं और एडमिशन करा लो. मामला जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह के संज्ञान में आने के बाद डीएम ने तत्काल बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं.