main slideराज्य

100 साल बाद हाथियों की घर वापसी

भोपाल । टाइगर (homecoming) स्टेट मध्यप्रदेश एलिफेंट टूरिज्म प्लेस भी बन सकता है। 100 साल बाद प्रदेश में गजराज ने वापसी की है। इससे पहले हाथी मध्यप्रदेश की सीमा में घूमकर चले जाते थे। 1920 के बाद 2022 में गजराज ने देश के दिल में स्थाई ठिकाना (homecoming) बना लिया है। वन विभाग ने राज्य सरकार से इसके लिए अतिरिक्त राशि की मांग ही है।

हाथियों से जान माल को होने वाले नुकसान, हाथियों के प्रति गांव के लोगों में जागरूकता और प्रचार-प्रसार के लिए धनराशि की मांग की गई है। राज्य में अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। मध्यप्रदेश के वन अधिकारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड में जंगल के भीतर हो रहे खनन से हाथी परेशान हो रहे हैं।

यही वजह है कि वे अपने लिए ज्यादा सुरक्षित ठिकाना खोज रहे हैं। पश्चिम बंगाल में भी इसलिए हाथी बढ़े हैं। जानकार मानते हैं कि जो लौटे हैं, उन हाथियों का असल ठिकाना मप्र ही है। हाथियों को सुरक्षित माहौल देने के लिए वन विभाग ने अनूपपुर, सिंगरौली, सीधी और शहडोल के बीच सेफ कॉरिडोर बनाया है। लौटते हुए भी अकबर यहां ठहरा था। यहां विश्राम के दौरान उसने जंगलों में शिकार किया था। जाते हुए वह अपने साथ यहां से हाथियों का पूरा बेड़ा लेकर गया था। अकबर मालवा की लड़ाई के लिए यहां से होकर गुजरा था।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button