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भारत पर श्रीलंका के आंतरिक मामलों में दखल देने का आरोप

नई दिल्ली । भारत (internal affairs) के विरोध के बावजूद श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट पर चीनी शिप ने एक हफ्ते दिन डेरा डाला। इसमें झेनहोंग ने सीधे तौर पर भारत का नाम लिए बगैर कहा थी कुछ ताकतों की ओर से बिना किसी सबूत के सिक्योरिटी को लेकर चिंता जताना वास्तव में श्रीलंका की संप्रभुता और स्वतंत्रता में पूरी तरह हस्तक्षेप (internal affairs) हैं।

झेनहोंग ने कहा- श्रीलंका की राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिसको लेकर भारत ने विरोध दर्ज कराया था। भारत को आशंका थी कि चीनी शिप के ट्रैकिंग सिस्टम श्रीलंकाई पोर्ट के रास्ते में दक्षिण भारत के प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकाने की जासूसी कर सकते हैं।

बाद में इस मामले पर श्रीलंका में चीनी राजदूत की झेनहोंग ने भारत पर श्रीलंका के आंतरिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाया। चीनी राजदूत के इस बयान पर पलटवार करते हुए भारत ने चीन को लताड़ लगाई है। हाई कमिशन ने इसे राजनयिक शिष्टाचार का उल्लंघन बताया।

वहीं, चीनी राजनयिक को फटकार लगाते हुए कहा कि श्रीलंका के उत्तरी पड़ोसी (भारत) के बारे में उनका रवैया उनके अपने देश के व्यवहार से प्रभावित हो सकता है।श्रीलंका में चीनी राजदूत की झेनहोंग ने युआन वांग 5 शिप के हंबनटोटा पहुंचने को लेकर बयान दिया था।

इसके बाद शिप को 16 से 22 अगस्त तक हंबनटोटा पोर्ट पर आने की अनुमति दी गई। भारत पहले ही चीन के उस बयान को खारिज कर चुका है, जिसमें कहा गया कि चीनी शिप को हंबनटोटा पोर्ट पर जाने से रोकने के लिए भारत ने श्रीलंका पर दबाव डाला। भारत ने कहा था कि श्रीलंका एक संप्रभु देश है और अपने स्वतंत्र निर्णय लेता है।

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