जर्मनी ने लॉन्च की दुनिया की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनजर्मनी ने लॉन्च की दुनिया की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन

बर्लिन. जर्मनी ने दुनिया की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का उद्घाटन किया है. जर्मनी के लोअर सैक्सोनी राज्य में पूरी तरह से हाइड्रोजन (hydrogen) द्वारा संचालित 14 ट्रेनों का एक बेड़ा सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. ऐसा माना जा रहा है कि पर्यावरण में कार्बन गैस को कम करने में ये अहम भूमिका निभाएगा, इस पहल से जर्मनी की सरकार पर्यावरण के अनुकूल यात्रा के लक्ष्य को आगे बढ़ा रही है.
फ्रांसीसी कंपनी एल्सटॉम द्वारा निर्मित 14 ट्रेनों में से पांच बुधवार को ही चलाई गई और अभी आने वाले दिनों में ये 15 डीजल ट्रेनों की जगह ले लेगी, जो वर्तमान में इस पटरी पर चल रही है. एल्स्टॉम के सीईओ हेनरी पॉपार्ट-लाफार्ज ने एक बयान में कहा कि सिर्फ 1 किलो हाइड्रोजन लगभग 4.5 किलो डीजल के समान है.
ये ट्रेन कोई प्रदूषण नहीं छोड़ती है बस थोड़ा शोर पैदा करती है और भाप और वाष्पित पानी का उत्सर्जन करती है. हाइड्रोजन से भरे एक टैंक से करीब 1000 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. मार्ग के किनारे एक हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन पहले ही स्थापित किया जा चुका है. बता दें कि ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 140 किमी/घंटा है.
इस समझौते को क्षेत्रीय रेल ऑपरेटर (एलएनवीजी) और एल्स्टॉम के बीच 93 मिलियन यूरो में हस्ताक्षर किया गया था. एल्स्टॉम के सीईओ हेनरी ने कहा, ‘हमें अपने मजबूत भागीदारों के साथ विश्व प्रीमियर के रूप में इस तकनीक को लॉन्च करने में बहुत गर्व महसूस हो रहा है और यह हर साल 4,400 टन CO2 को वायुमंडल में छोड़ने से रोकेगा.
एल्स्टॉम के अनुसार, इस परियोजना से दक्षिणी फ्रांसीसी शहर टार्ब्स और मध्य जर्मनी में 80 कर्मचारियों के लिए रोजगार का सृजन किया गया. 2018 से इसका परीक्षण किया जा रहा था लेकिन अब यह पूरी तरह से तैयार है. इसके अलावा, हाइड्रोजन अनिवार्य रूप से कार्बन-मुक्त नहीं है, केवल ‘हरित हाइड्रोजन’ जो नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करके उत्पादित किया जाता है.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से रूस प्रतिबंध लगने से काफी तनावपूर्ण स्थिति बन गई है ऐसे में रेल परिवहन में हाइड्रोजन गैस का उत्पादन चुनौतीपूर्ण है इसलिए कंपनी को ये तय करना है कि हाइड्रोजन या बैटरी से चलने वाली ट्रेनों का संचालन किया जाना है या नहीं.