हॉर्वर्ड को भी पीछे छोड़ देगी टेक्सास यूनिवर्सिटी

वॉशिंगटन । जहां (University of Texas) भारत के ज्यादातर विश्वविद्यालयों को केंद्र और राज्य सरकारें फंड मुहैया कराती हैं, वहीं अमेरिकी यूनिवर्सिटी (University of Texas) अपना ज्यादातर खर्चा खुद उठाते हैं। वे महंगे शोध, सुविधाओं और फेलोशिप का खर्च भी आसानी से इसलिए वहन कर लेते हैं क्योंकि सरकारी सहायता के अलावा उनके फंड जमा करने के अपने तरीके हैं।
दान के मामले में तीसरे नंबर पर रहने वाले टेक्सास यूनिवर्सिटी के पास तेल के कुएं हैं। चारागाह के लिए मिली थी 21 लाख एकड़ जमीन, तेल के कुएं निकल आए । जानवरों को पालकर फंड जुटाने के लिए टेक्सास राज्य ने 21 लाख एकड़ की बंजर जमीन चारागाह के तौर पर सन 1800 के आसपास टेक्सास विश्वविद्यालय को दी थी।
लेकिन 1923 में यहां तेल के कुएं मिल गए। अभी करीब 250 कंपनियों को टेक्सास विवि ने तेल के कुएं लीज पर दिए हैं। लगभग 250 कंपनियों को तेल के कुएं लीज पर दिए हैं। इन तेल के कुओं से टेक्सास यूनिवर्सिटी को इस समय हर रोज 48 करोड़ रुपए यानी हर महीने 1440 करोड़ रुपये की आय हो रही है।
येल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम गोत्समैन कहते हैं, जहां कोरोना के बाद यूक्रेन और रूस युद्ध की वजह से दूसरे विश्वविद्यालयों को फंड की समस्या से जूझना पड़ रहा है। वहीं टेक्सास यूनिवर्सिटी की आय इतनी ज्यादा हो गई है कि फंड के मामले में वह जल्द ही हार्वर्ड को भी पीछे छोड़ देगा।