मुफ्त वादों के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

राजनीतिक पार्टियों (free promises) के मुफ्त वादों (free promises) के खिलाफ लगी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। इससे पहले मंगलवार को करीब 45 मिनट तक सुनवाई हुई। हालांकि, 2019 के चुनाव में दोनों ही पार्टियों की तरफ से ऐसे ऐलान नहीं किए गए, जिन्हें सीधे-सीधे मुफ्त स्कीम्स में शामिल किया जा सके।
दोनों ही बार बड़े अंतर से भाजपा ने जीत दर्ज की। इसमें पार्टियों के मुफ्त वादों पर रोक लगाने की मांग गई है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान संकेत दिया कि वह इस केस को बड़ी बेंच में भेजा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल न्याय मित्र के तौर पर, जबकि अभिषेक मनु सिंघवी आम आदमी पार्टी और विकास सिंह याचिकाकर्ता के वकील के तौर पर पेश हुए।
केस की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच में जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली शामिल थीं। सुनवाई के दौरान वकील विकास सिंह ने कहा कि मुफ्त वादों के चलते देश दिवालिया होने की स्थिति में है। इस पर CJI रमना ने कहा कि- मान लीजिए कोई वादा कर दूं कि चुनाव जीतने पर लोगों को सिंगापुर भेज दूंगा।
तो चुनाव आयोग इस पर कैसे रोक सकता है। ऊपर के दोनों ग्राफिक्स से साफ है कि 2014 में जहां भाजपा और कांग्रेस की तरफ से कम से कम तीन-तीन ऐसी स्कीम्स की बात कही गई थी, जिनमें कुछ न कुछ मुफ्त दिया जाना था।