कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले में कुदरत का कहर

शिमला । कांगड़ा जिले (wrath of nature) में पिछले 24 घंटे से भारी बारिश हो रही है, जिस वजह से चक्की खड्ड में उफान आ गया। इसके बाद जो बाढ़ आई, उसमें खड्ड पर 1929 में बना 800 मीटर लंबा पठानकोट-जोगिंद्रनगर नैरो गेज रेलवे (wrath of nature)पुल बह गया। हादसे में पंचायत प्रधान खेम सिंह के साथ-साथ उनके परिवार के 8 सदस्यों की मौत हो गई।
शुक्रवार देर रात हुई लैंड स्लाइड के समय सभी घर में सो रहे थे। मंडी जिले में ही तीन अन्य हादसों में 4 और लोगों की जान चली गई। भारी बारिश के बाद चक्की खड्ड पर बने कांगड़ा को पंजाब के पठानकोट से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे के पुल को रातभर के लिए बंद कर दिया गया।
पुल को ट्रैफिक के लिए खोलना है या नहीं, रविवार सुबह NHAI के अधिकारी पुल का निरीक्षण करने के बाद इसका फैसला लेंगे। इससे पहले चक्की खड्ड पर बना रेलवे ब्रिज शनिवार सुबह बह गया। इसमें बारिश से अस्त-व्यस्त हो चुके कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले में सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने के निर्देश दिए गए।
बाकी जिलों के डीसी भी हालात के अनुसार स्कूल-आंगनवाड़ी सेंटर बंद करने का फैसला ले सकेंगे। हिमाचल में बारिश से भारी तबाही हुई है। बाढ़, लैंडस्लाइड और बादल फटने की 34 घटनाओं में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 22 हो गया है, जबकि 6 लापता हैं।
कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले में कुदरत का कहर सबसे ज्यादा बरपा। मंडी में 14, चंबा के भटियात में 3 और कांगड़ा व शिमला जिले में 2-2 लोगों की मौत हो गई। इनमें एक 9 साल की एक बच्ची भी है जिसकी कांगड़ा के शाहपुर में मकान गिरने से जान चली गई।