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पाकिस्तान(Pakistan ) ने बीच में ही मैच छोड़ा

नई दिल्ली. पाकिस्तान (Pakistan ) क्रिकेट टीम कई बार मैदान पर विवादों में उलझी है और इसका उसे खामियाजा भी उठाना पड़ा है. ऐसा ही एक विवाद 16 साल पहले इंग्लैंड में ओवल के मैदान में हुआ था. जब टेस्ट मैच में पाकिस्तान टीम पर एक अंपायर ने बॉल टेम्परिंग यानी गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. पाकिस्तान टीम को यह नागवार गुजरा और गुस्से में टीम ने मैदान ही छोड़ दिया. हालांकि, इससे विवाद सुलझने के बजाए और उलझ गया. आखिर क्या था पूरा विवाद, क्यों पाकिस्तान टीम खेलने नहीं उतरी और उसे कैसे अपने इस फैसले का खामियाजा उठाना पड़ा. आइए पूरा मामला बताते हैं.

16 साल पहले 20 अगस्त के दिन इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच ओवल टेस्ट के चौथे दिन का खेल चल रहा था. इसी दौरान फील्ड अंपायर डैरल हेयर ने पाकिस्तानी टीम पर बॉल टेम्परिंग का आरोप लगाया. इतना ही नहीं, हेयर ने पाकिस्तान टीम को चेतावनी देने के साथ ही 5 रन की पेनल्टी लगा दी और इसके साथ गेंद बदल दी. इस वक्त इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में 72 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 298 रन बना लिए थे. पॉल कॉलिंगवुड और इयान बेल क्रीज पर थे.

पाकिस्तान की टीम मैदान पर खेलने नहीं लौटी

डैरल हेयर का यह फैसला पाकिस्तान टीम को नागवार गुजरा और टी-ब्रेक के दौरान मेहमान टीम ने मैच रैफरी, अधिकारियों और अंपायर से इसे लेकर काफी लंबी चर्चा की. जब अंपायर अपने फैसले से नहीं पलटे तो कप्तान इंजमाम-उल-हक की अगुआई में पाकिस्तान की टीम खेलने ही नहीं उतरी. काफी देर तक पाकिस्तान टीम को मनाने का खेल चलता रहा. हर कोई पाकिस्तान टीम के ऐसे बर्ताव से हैरान था. काफी देर बाद पाकिस्तान की टीम दोबारा मैदान पर उतरने को राजी हुई. लेकिन, तब तक अंपायर ने मैच को उसी स्कोर पर ही खत्म करने का फैसला कर लिया था और इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया. इससे विवाद और गर्मा गया.

पाकिस्तान टीम बॉल टेम्परिंग के आरोपों से मुक्त हुई

पाकिस्तान की टीम ने देर रात तक इस मसले पर मैच रैफरी और अंपायरों से बात की और उनसे फैसला बदलने की गुजारिश की. लेकिन, अंपायर टस से मस नहीं हुए और क्रिकेट में पहली किसी टेस्ट मैच का नतीजा कुछ इस तरह आया. इस विवाद पर एक महीने तक बहस जारी रही. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने इस पूरे विवाद की नए सिरे से सुनवाई की. इसमें पाकिस्तान टीम को बॉल टेम्परिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया गया. हालांकि, मैच का नतीजा नहीं बदला गया और उलटे पाकिस्तानी कप्तान इंजमाम-उल-हक को खेल की साख को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाते हुए 4 वनडे के लिए सस्पेंड कर दिया गया.

आईसीसी ने एक साल बाद अपना फैसला बदला

इसके बावजूद, यह विवाद पूरी तरह नहीं सुलझा. करीब 2 साल बाद पीसीबी की गुजारिश के बाद आईसीसी के बोर्ड ने पाकिस्तान-इंग्लैंड के बीच हुए इस ओवल टेस्ट के नतीजे को बदले हुए इसे ड्रॉ घोषित कर दिया. हालांकि, इससे विवाद खत्म होने के बजाए और बढ़ गया. एक साल बाद ही आईसीसी को यू-टर्न लेना पड़ा और क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब यानी एमसीसी की सिफारिश के बाद आईसीसी ने अपना पुराना फैसला बदलते हुए मैच के पहले वाले नतीजे यानी इंग्लैंड की जीत को ही बरकरार रखनवे का फैसला किया.

अंपायर पर भी हुई थी कार्रवाई

इस नतीजे का मैदान के बाहर भी व्यापक असर पड़ा. डैरल हेयर को आईसीसी के अंपायरों के एलीट पैनल से हटा दिया गया. हालांकि, लंदन की हाई कोर्ट के फैसले के बाद इसे बदलना पड़ा.

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