डोलो-650 ने डॉक्टरों को बांटे 1 हजार करोड़ रुपए के फ्री गिफ्ट
नई दिल्ली । कोरोना महामारी (free gift) के दौरान चर्चा में रही पैरासिटामोल दवा ‘डोलो’ की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मामले की अगली सुनवाई 10 दिनों के बाद की जाएगी। सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार (free gift) की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) केएम नटराज ने कहा कि सरकार की ओर से हलफनामा लगभग तैयार है। इसे शीर्ष अदालत में दाखिल किया जाएगा।
उन्होंने बताया- ‘जो आप कह रहे हैं, वो मुझे सुनने में अच्छा नहीं लग रहा। ये वही दवाई है, जिसका कोविड के दौरान मैंने खुद इस्तेमाल किया। इसके ना होने के चलते मरीजों को ब्रांडेड कंपनियों की बहुत ज्यादा कीमत वाली दवाई खरीदनी पड़ती है क्योंकि अक्सर उनका इलाज करने वाले डॉक्टर महंगे गिफ्ट के लालच में मरीजों को वही दवाई पर्चे पर लिखते हैं।
मुझे भी इसका इस्तेमाल करने के लिए बोला गया था। ये वाकई गम्भीर मसला है।’ सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में दावा किया गया है कि फार्मा कंपनी ने बुखार की दवा डोलो-650 मरीजों को देने के लिए देशभर में डॉक्टरों को 1 हजार करोड़ रुपए के फ्री गिफ्ट बांटे हैं। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी 7 दिन में जवाब मांगा है।
फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से सीनियर एडवोकेट संजय पारिख ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने इस बात का दावा किया है। एडवोकेट पारीख ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT ) की रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया है।इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने की। जस्टिस चंद्रचूड़ हाल ही में कोरोना संक्रमित हुए थे। उन्होंने सुनवाई के दौरान एक वाकये का भी जिक्र किया।