हिंद महासागर में तैनात ड्रैगन नेवल मिलिट्री बेस

जिबूती सिटी । अफ्रीकी (military base) देश जिबूती में चीन का नेवल बेस पूरी तरह से ऑपरेशनल हो चुका है। यह खुलासा मैक्सार टेक्नोलॉजीज की ओर से जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है। यह एक बड़ा 25,000 टन का जहाज है, जिसे 800 सैनिकों और वाहनों, एयर-कुशन लैंडिंग क्राफ्ट और हेलिकॉप्टर ले जाने करने के लिए डिजाइन (military base) किया गया है।
माना जा रहा है कि इसने इसी साल एक फ्रंटलाइन चीनी डिस्ट्रॉयर के साथ हिंद महासागर के पानी में प्रवेश किया। यह बेस स्ट्रैटेजिक तौर अहम बाब-अल-मंडेब स्ट्रैट के पास स्थित है। यह स्ट्रैट अदन की खाड़ी और लाल सागर को अलग करता है। जिबूती एक व्यस्ततम शिपिंग रूट के (स्वेज नहर) रास्ते में पड़ने वाला देश है।
इन तस्वीरों में बेस पर वॉरशिप भी दिखाई दिए, जिन्हें ड्रैगन ने हिंद महासागर में तैनात किया है। जिबूती में चीन का नेवल बेस उसका पहला विदेशी मिलिट्री बेस है। इसे 590 मिलियन डॉलर (करीब 4,697 करोड़ रुपए) की लागत से बनाया गया है। इसे 320 मीटर लंबे डॉकयार्ड पर डॉक किया गया है। इस डॉकयार्ड पर हेलिकॉप्टर उतारने की भी सुविधा है।
वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा (रिटायर्ड) के मुताबिक, बेस पूरी तरह से ऑपरेशनल दिखाई दे रहा है। अभी और कंस्ट्रक्शन वर्क होने की संभावना है। नेवी के जानकार सटन ने बताया कि चीनी फ्लीट में और भी ताकतवर जहाज शामिल हो रहे हैं। इनके आकार और क्षमता के आधार पर कहा जा सकता है कि इनका इस्तेमाल अहम रसद सप्लाई और ट्रांसपोर्ट मिशन के लिए किया जा रहा है।