वेस्ट UP का आतंकी कनेक्शन

मेरठ । ATS (connection) यानी एंटी टेररिस्ट स्क्वाड ने सहारनपुर से आतंकी नदीम को पकड़ा था, लेकिन यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी वेस्ट यूपी के अलग-अलग जिलों से वह ISI एजेंट को गिरफ्तार (connection) करती रही है। बढ़ती आतंकी गतिविधियों की वजह से ही मेरठ और सहारनपुर में ATS के नए सेंटर बनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही घोषणा कर चुके हैं।
मेरठ और आस-पास के जिलों से पिछले 20 साल में 30 आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आवागमन के साधन अच्छे हैं। साथ ही सहारनपुर से पाकिस्तान की सीमा नजदीक पड़ती है। सहारनपुर के देवबंद में विदेशी छात्र भी पढ़ाई के लिए आते हैं।
मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मुरादाबाद के कई ऐसे इलाके हैं जिनकी आबादी काफी घनी है। यह देश की आंतरिक गतिविधियों और सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को पहुंचाते थे।
ISI को सूचना भेजने में एक पूर्व सैनिक भी पकड़ा जा चुका है। मेरठ में 2015 में पकड़े गए ISI एजेंट से सेना के गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए थे।मेरठ की छावनी देशभर में बड़ी छावनी मानी जाती है। यहां के दस्तावेज भी बरामद हो चुके हैं।
सहारनपुर ओर गाजियाबाद में एयरबेस हैं। वेस्ट यूपी के आतंकी कनेक्शन को लेकर दैनिक भास्कर ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, एटीएस के अधिकारी और इंटेलिजेंस के अधिकारियों से बात की। अब आपको बताते हैं कि ISI के लिए क्यों महत्वपूर्ण है वेस्ट यूपी।
दरअसल, पश्चिमी यूपी, देश की राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है। यहां के मेरठ में कई प्रदेशों की सबसे बड़ी सेना की छावनी है। 19 अप्रैल, 2022 को असम में मारे गए इंटरनेशनल गो-तस्कर सलमान और अकबर मेरठ के रहने वाले सगे भाई थी। असम पुलिस को साक्ष्य मिले थे कि दोनों ISI से जुड़े हैं। साथ ही विदेश तक गाय का मीट सप्लाई कराते हैं।