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काबुल के करते परवान गुरुद्वारा ( Parwan Gurdwara )को फिर तैयार रहा काम

काबुल. दो महीने पहले काबुल के करते परवान गुरुद्वारे ( Parwan Gurdwara )पर इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत का हमला हुआ था. जिसमें इमारत को काफी नुकसान पहुंचा. तालिबन ने इसे फिर से तैयार करने के लिए 40 लाख अफगानी रुपये दिए. इस समय अफगान कारीगर दीवारों पर पेंटिंग करने, फर्श की टाइलें बिछाने और मुख्य हॉल को अंतिम रूप दे रहे हैं. जहां गुरु ग्रंथ साहिब रखा जाएगा.

काबुल में हिंदू-सिख समाज के प्रमुख और गुरुद्वारे को फिर से तैयार करने के काम की निगरानी कर रहे रामसरन भसीन ने कहा कि ‘तालिबान के इंजीनियरों सहित उनके कई लोग यहां आए, नुकसान का आकलन किया और हमें पैसे दिए. तालिबान ने 40 लाख अफगानी रुपये दिए … पुनर्निर्माण को लगभग पूरी तरह से इस्लामिक अमीरात से फंड दिया गया है. हमने कोई फंड नहीं जुटाया.’

इस गुरुद्वारे पर अब तालिबान का कड़ा पहरा है. भसीन ने कहा कि यह काबुल में नंबर 1 गुरुद्वारा है, और इसे जल्द से जल्द चालू करना हमारी प्राथमिकता है. अगस्त के अंत तक गुरुद्वारा बनकर तैयार हो जाएगा. गौरतलब है कि तालिबान ने एक साल पहले अफगानिस्तान पर कब्जा किया था. उसके बाद सिख समुदाय के ज्यादातर लोग भारत या अन्य देशों में पलायन कर गए. करते परवान हमले के बाद तीन और जत्थों को बाहर निकाला गया.

2020 तक अफगानिस्तान में सिख और हिंदू आबादी के करीब 650 होने का अनुमान था. उनमें से लगभग 400 शोर बाजार हमले के बाद भारत चले गए. जिनके पास संसाधन थे वे और यूरोप या कनाडा चले गए. भसीन लगभग 15 हिंदू परिवारों में से एक हैं जो अफगानिस्तान में रहते हैं. जिन्हें सिख समुदाय के कई नेताओं के भारत जाने के बाद करते परवान गुरुद्वारे का कार्यवाहक प्रधान बनाया गया था. भसीन का परिवार चार पीढ़ियों से अफगानिस्तान की राजधानी में रहता आ रहा है, लेकिन हाल ही में उन्होंने अपने बेटों और उनके परिवारों को भारत भेज दिया है. अब केवल वे और उनकी पत्नी ही काबुल में रह गए हैं.

 

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