देश की सबसे बड़ी रेल लाइन तैयार

गाजियाबाद । देश (train line) के सबसे बड़े मालवाहक रेल गलियारे की लिंक लाइन (train line) तैयार हो गई है। आखिरी ट्रायल भी पूरा हो चुका है। ये लिंक लाइन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DDFC) के वेस्टर्न और ईस्टर्न कॉरिडोर को आपस में जोड़ेगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद का लोहा, बुलंदशहर के खुर्जा की पॉटरी, मेरठ का क्रिकेट गुड्स और किताबें, मुजफ्फरनगर का गुड़, सहारनपुर का फर्नीचर, अलीगढ़ और मुरादाबाद का पीतल देशभर में सप्लाई होता है।
31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस लाइन पर मालगाड़ी चलाए जाने को लेकर हरी झंडी दिखा सकते हैं। इसके चालू होने से दिल्ली-NCR और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को औद्योगिक क्षेत्र में बड़ा लाभ मिलने वाला है। इन दोनों कॉरिडोर को जोड़ने के लिए ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी रेलवे स्टेशन से खुर्जा (बुलंदशहर) तक करीब 50 किलोमीटर लंबी लिंक रेल लाइन बिछाई गई है।
इन राज्यों के औद्योगिक क्षेत्रों में बनने वाली वस्तुएं बेहद कम समय में महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड आदि राज्यों में पहुंच सकेंगी। एक मालगाड़ी अभी तक एक बार में सिर्फ 5 हजार टन माल ढुलाई करती है, जबकि इस कॉरिडोर पर चलने वाली 500 डिब्बों की मालगाड़ी एक बार में 13 हजार टन माल लेकर जाएगी।
लिंक लाइन के चालू होते ही दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कारोबारी अपना माल मुंबई और कोलकाता तक सस्ते रेल भाड़े पर भेज सकेंगे और वहां से मंगा भी सकेंगे।ईस्टर्न कॉरिडोर लुधियाना से कोलकाता और वेस्टर्न कॉरिडोर नोएडा के दादरी से मुंबई तक है। इस कॉरिडोर के चालू होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा को फायदा होगा।