कोर्ट में अपराधियों के साथ चार घंटे तक टहलता रहा गैंगस्टर
कानपुर । कोर्ट (Gangster) में बगैर तारीख के गैंगस्टर (Gangster) पप्पू स्मार्ट को कचहरी लाने के मामले में एडीसीपी मनीष सोनकर ने जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कोर्ट मोहर्रिर और सुरक्षा में तैनात गारद में शामिल पुलिस कर्मियों को दोषी पाया गया है।पिंटू सेंगर के भाई ने आरोप लगाया था कि पप्पू स्मार्ट बगैर तारीख जेल से बाहर आगर कोई बड़ी साजिश रची है।
इस दिन 22 जुलाई की तारीख पेशी के लिए तय की गई। 22 को पेशी भी हुई। इसके बाद खेल करते हुए रजिस्टर में 24 जुलाई की तारीख दर्ज कर दी गई। इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जानी चाहिए। जल्द ही जांच रिपोर्ट के आधार पर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर मामले में कार्रवाई करेंगे।
मामले में विभागीय कार्रवाई के साथ ही FIR भी दर्ज कराई जा सकती है।एडीसीपी ने अपनी जांच रिपोर्ट ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश को सौंप दी है। पेशी वाले दिन रविवार था, इसलिए 25 जुलाई को जेल से कोर्ट लाया गया। जांच में सामने आया कि 24 तारीख लगाकर कोर्ट मोहर्रिर ने तलबी वारंट जारी करवाया था।
इसलिए उसे दोषी ठहराया गया। अब जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर या फिर विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता पप्पू स्मार्ट समेत 14 आरोपियों को जेल भेजा था। मामले की जांच कर रही पुलिस ने हत्यारोपी पप्पू स्मार्ट पर गैंगस्टर भी लगाया था।
25 जुलाई को पप्पू स्मार्ट को पेशी पर कोर्ट लाया गया था। आरोप था कि बगैर कोर्ट में पेशी के पप्पू स्मार्ट को कोर्ट लाया गया है। तारीख न होने के बाद भी पप्पू ने चार घंटे तक कचहरी में रहकर परिवार वालों व एक अपराधी से मुलाकात की थी। इसलिए उनकी अभिरक्षा में लगे दोनों पुलिसकर्मी भी दोषी ठहराए गए हैं।