कश्मीर में टारगेट किलिंग का शिकार बिहारी मजदूर

श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर (Bihari laborer) के बांदीपोरा जिले के सदुनारा गांव में आतंकियों ने शुक्रवार तड़के एक मजदूर (Bihari laborer) की गोली मार कर हत्या कर दी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन टारगेटेड किलिंग्स के जरिए आतंकियों का एक मकसद घाटी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद आतंकियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई ने कश्मीर में उन्हें कमजोर बना दिया है।
मजदूर बिहार के मधेपुरा जिला का रहने वाला था। इसकी पहचान मोहम्मद अमरेज (19 साल) के रूप हुई है। घटना के बाद पुलिस इलाके में सर्च अभियान चला रही है। अमरेज के भाई ने मीडिया को बताया कि हम दोनों भाई सो रहे थे, तभी भाई ने मुझे उठाकर बोला कि फायरिंग हो रही है, लेकिन मैंने बोला कि ये होता रहता है, सो जा। कुछ देर बाद भाई टॉयलेट के लिए गया और फिर लौटा नहीं।
मैं उसे खोजने गया तो देखा कि वो खून से लथपथ था। मैंने सुरक्षाबलों से संपर्क किया और उसे अस्पताल ले गए, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। कश्मीर में पिछले 4 महीने में टारगेट किलिंग के 11 मामले सामने आए हैं। वहीं सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2022 में टारगेट किलिंग के 16 मामले सामने आए। इधर, केंद्र सरकार ने सदन में बताया कि कश्मीर में आतंकी मजदूरों को भी निशाना बना रहे हैं।
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, टारगेटेड किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई योजना है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है। कश्मीर पुलिस ने एक बयान में कहा कि आतंकियों ने मजदूर पर गोलियां चलाईं और घायल कर दिया। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। अमरेज यहां पर मजदूरी करता था।