आजादी के आंदोलन में फिरोजपुर का विशेष योगदान

बुलंदशहर। आजादी (special contribution) के आंदोलन में स्याना क्षेत्र के गांव वैरा फिरोजपुर का विशेष योगदान (special contribution) रहा है। यूएनओ के विशेष सलाहकार, मुख्य सचिव, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डीजीपी विश्वविद्यालय के कुलपति जैसी अनेकों प्रतिभाएं और अधिकारी देने वाले गांव वैरा फिरोजपुर का प्राचीन इतिहास भी अत्यंत गौरवशाली रहा है।
देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाने वाले गांव और क्षेत्र के सभी स्वतंत्रता आंदोलनकारियों पर नाज है। हमें स्वतंत्रता सेनानियों से राष्ट्र को मजबूत करने की प्रेरणा मिलती है। गांव के बीचोंबीच स्थित मोहल्ला बड़वालों की बैठक पर 1921 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ रणनीति तैयार कर तिरंगा फहराकर अंग्रेजी हकूमत के सभी फैसलों का विरोध शुरू कर दिया।
तिरंगा फहराने और हकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले आंदोलन के अग्रणी अनूप सिंह त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।सन 1940 में स्वतंत्रता सेनानी देवी सहाय के नेतृत्व में गांव से नारेबाजी करते हुए पहुंचे दर्जनों आंदोलनकारियों ने कोतवाली के मुख्य द्वार पर झंडा फहरा दिया।
इसी दौरान हुए लाठीचार्ज में स्वतंत्रता सेनानी देवी सहाय और हरबक्श सिंह बाल्मीकि गंभीर रूप से घायल हो गए। 100 साल पहले 1921 में गांव वैरा फिरोजपुर से शुरू हुई स्वतंत्रता आंदोलन की चिंगारी क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। इसके चलते आजादी की अलख जगाने वाले आंदोलनकारियों ने अंग्रेजी हकूमत की जड़ें हिला दीं।