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अब डीएल टेस्ट प्रक्रिया में होगी सख्ती

लखनऊ। परिवहन विभाग सड़क हादसों को कम करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) टेस्ट प्रक्रिया में सख्ती करेगा। ताकि लर्निंग और स्थाई डीएल धारकों के द्वारा हादसे कम हो सकें। एक आंकड़े के अनुसार वर्ष 2018 और 2019 में सबसे अधिक हादसे वैध लाइसेंस धारकों से हुए हैं। वर्ष 20 18 में स्थाई लाइसेंस धारकों से सबसे अधिक 22,803 सड़क हादसे हुए हैं। जबकि लर्निंग लाइसेंस धारकों 5,787 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। वर्ष 2019 में स्थाई डीएल धारकों से 10,338 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। जबकि लर्निंग डीएल 2,774 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि डीएल टेस्ट प्रक्रिया अभी पूरी तरह से ढर्रे पर नहीं आई नहीं आई है। तभी डीएल प्रक्रिया में पास होकर वैध डीएल धारक सड़क दुर्घटनाओं में सबसे आगे हैं। इसलिए अब प्रदेश में चल रहे 550 और लखनऊ के 40 मोटर ट्रेनिंग स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही। उप परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी ने बुधवार को बताया कि डीएल टेस्ट प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। सड़क हादसों को कम करने के लिए ऑटोमेटिक ड्राइविंग सेंटर और निजी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों पर नजर रखी जा रही है। परिवहन विभाग के मानकों का पूरी तरह से पालन नहीं करने वाले मोटर ट्रेनिंग स्कूलों की जांच शुरू कर उन पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही अब आरटीओ और एआरटीओ में डीएल के लिए होने वाली टेस्ट प्रक्रिया में सख्ती बरती जाएगी।

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