राज्य

आगजनी की एक घटना के बाद मणिपुर में बढ़ा सांप्रदायिक तनाव(Communal tension)

इम्फालः मणिपुर सरकार ने  फुगाकचाओ इखांग में 3-4 लोगों द्वारा एक वाहन को आग लगाने के बाद बढ़ते सांप्रदायिक तनाव (Communal tension) को रोकने के लिए राज्य भर में इंटरनेट सेवाओं को 5 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है. विशेष सचिव (गृह) एच ज्ञान प्रकाश द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश प्रसारित कर जनता का गुस्सा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.
वाहन में आग लगने के बाद, बिष्णुपुर के जिलाधिकारी ने तुरंत घाटी में दो महीने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी. राज्य में अशांति को नियंत्रित करने के उपाय ने लोगों के संकट को और बढ़ा दिया, जो पहले से ही अखिल आदिवासी छात्र संघ मणिपुर द्वारा शुक्रवार की सुबह राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगाए गए आर्थिक नाकेबंदी के कारण समस्याओं का सामना कर रहे थे. एटीएसयूएम राज्य में आदिवासी छात्रों का एक प्रभावी संगठन है.

एटीएसयूएम, मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 को विधानसभा में पेश करने की मांग कर रहा है. विधेयक राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों की स्वायत्तता सुनिश्चित करेगा, साथ ही घाटी क्षेत्र की तुलना में मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों के समान विकास को सक्षम करेगा. घाटी के एक संगठन मैतेई लीपुन ने लॉकडाउन लागू होने के बाद एटीएसयूएम के अपने इम्फाल कार्यालय को बंद कर दिया. मेतेई लीपुन ने दावा किया कि नाकाबंदी राज्य के घाटी क्षेत्र को लक्षित करती है.

हालांकि, राज्य सरकार ने 2 अगस्त को मणिपुर पहाड़ी क्षेत्र जिला परिषद 6वें और 7 वें संशोधन विधेयक को पेश करने का फैसला किया था. एटीएसयूएम को आशंका है कि एन बीरेन सिंह सरकार द्वारा पेश विधेयक, संगठन द्वारा प्रस्तावित विधेयक के अनुरूप है या नहीं. इसलिए अघोषित संशोधन विधेयक पेश किए जाने के बाद से एटीएसयूएम ने आदिवासी बहुल कांगपोकपी और सेनापति पहाड़ी में मंगलवार से पूरी तरह बंद किया हुआ है.

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button