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अदालत ने जज के मर्डर केस में दोषियों को उम्रकैद द(life imprisonment )की सजा

धनबाद: धनबाद अतिरिक्त सत्र अदालत के जज उत्तम आनंद के मर्डर केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने शनिवार को दो दोषियों को उम्रकैद(life imprisonment )  की सजा सुनाई है। धनबाद जज उत्तम आनंद की हत्या के लिए राहुल वर्मा और लखन वर्मा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201 और 34 के तहत आरोप लगाए गए थे।

बीते साल 28 जुलाई को हुई थी जज की हत्या
न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अध्यक्षता वाली सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनों दोषियों को मौत तक कठोर कारावास की सजा सुनाई है और 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। पिछले साल 28 जुलाई को जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, तभी लखन वर्मा ने एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी। जज को अस्पताल ले जाया गया लेकिन बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया था।

जज उत्तम आनंद मर्डर केस में CBI ने की थी जांच
जज उत्तम आनंद मर्डर केस में एक साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने अब लखन वर्मा और राहुल वर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उच्च न्यायालय द्वारा मामले का संज्ञान लेने से पहले मामले की जांच पहले झारखंड पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने की थी। हालांकि, बाद में जांच झारखंड पुलिस की एसआईटी से सीबीआई को सौंप दी गई थी, जिसने जांच के दौरान पाया कि लखन और राहुल वर्मा अपराध में शामिल थे।

मुकदमे के दौरान, अभियोजन पक्ष ने कहा था कि इस वारदात का मकसद जज का मोबाइल फोन छीनना था और यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसके लिए आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी ठहराया जाना चाहिए। दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने दलील दी थी कि इस घटना को जानबूझकर अंजाम नहीं दिया गया था और इसलिए मर्डर का चार्ज नहीं लगाया जा सकता है।
मर्डर केस में कोर्ट ने इन बातों का रखा ध्यान
फैसले के बाद, बचाव पक्ष के वकील कुमार बिमलेंदु ने बताया कि “जज ने हाल ही में दोनों आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया था। अदालत ने केवल चश्मदीद गवाह श्रवण कुमार के बयान को ध्यान में रखा, जिसमें कहा गया था कि ऑटो जानबूझकर जज की ओर बढ़ा और उन्हें टक्कर मार दी थी। जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। अदालत ने सीएफएसएल रिपोर्ट पर भी भरोसा जताया, जिसमें बताया गया था कि दोनों आरोपी वारदात के दौरान नशे में नहीं थे।”

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