मालदीव के राष्ट्रपति पहुंचे इंडिया !
पड़ोसी देश मालदीव में घरेलू स्तर पर बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता और भारत विरोधी ताकतों के उभार की आशंकाओं के बीच वहां के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह सोमवार को भारत पहुंचे। यह यात्रा सिर्फ इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि बदलते वैश्विक माहौल में भारत के लिए मालदीव की अहमियत पहले से भी ज्यादा बढ़ गई है, बल्कि चीन जिस तरह से मालदीव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है, उसको देखते हुए भी सभी की नजर पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति सोलिह के बीच मंगलवार को होने वाली बैठक पर होगी। दोनों नेताओं की तरफ से संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस का भी आयोजन किया जाएगा।
राष्ट्रपति से भी मुलाकात
सोलिह भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात करेंगे। इस बीच, भारत की तरफ से अपने इस पड़ोसी देश को नई मदद देने का भी ऐलान किया जाएगा। मालदीव की घरेलू राजनीति बहुत हद तक यह तय करती है कि उसका दूसरे देशों के साथ रिश्ता कैसा रहेगा। वर्तमान में मालदीव में मालदीव्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) की गठबंधन सरकार है और उसने भारत के साथ रिश्तों को काफी तवज्जो दी है।
सियासी खींचतान बढ़ी
इसके पहले राष्ट्रपति अबदुल्लाह अमीन के कार्यकाल में मालदीव में चीन के साथ रिश्तों को ज्यादा अहमियत दी गई थी। उस वक्त भारत समर्थक माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद के खिलाफ कार्रवाई करके उन्हें देश निकाला दे दिया गया था। अभी नाशीद वहां की संसद के अध्यक्ष हैं लेकिन उनके और राष्ट्रपति सोलिह के बीच रिश्ते तनावग्रस्त हो गए हैं।
मालदीव पर अमेरिका की भी नजर
मालदीव पर चीन ही नहीं, बल्कि अमेरिका की भी नजर है। हाल ही में अमेरिका ने इस छोटे से द्वीप में एक दूतावास खोलने का ऐलान किया है। हिंद प्रशांत क्षेत्र की बढ़ती अहमियत की वजह से मालदीव भी एक महत्वपूर्ण देश हो गया है।
अविश्वास मत लाने की तैयारी
संसद अध्यक्ष मो. नाशीद के खिलाफ उनकी ही पार्टी की तरफ से अविश्वास मत लाने की तैयारी है और माना जा रहा है कि इसके पीछे राष्ट्रपति सोलिह के समर्थकों का ही हाथ है। नाशीद ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा है कि वह राजनीतिक द्वेष से उनके खिलाफ कदम उठा रहे हैं। नाशीद ने राष्ट्रपति पर व्याभिचार के आरोप भी लगाए हैं।

यह राजनीतिक घटनाक्रम मालदीव में तब हो रहा है जब पूर्व राष्ट्रपति अमीन फिर से सक्रिय हो गए हैं। यही नहीं, वहां भारत विरोधी भावनाओं को भी हवा दी जा रही है और इसमें अमीन की राजनीतिक भूमिका को ही वजह माना जा रहा है।
वहां भारत के समर्थन से चलाए जाने वाले योग कार्यक्रम के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। इसमें विपक्षी पार्टियां ही नहीं, बल्कि सत्तारुढ़ गठबंधन की अधालत पार्टी भी शामिल है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन भी एक कार्यक्रम में वहां कुछ शरारती तत्वों ने तोड़फोड़ की थी।
मालदीव में ढांचागत विकास के लिए भारत दे चुका 1.2 अरब डालर
भारत ने अभी तक मालदीव में ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए कुल 1.2 अरब डालर की मदद दी है। भारत की मदद से वहां की सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना का काम शुरू हो रहा है। इसमें छह द्वीपों को एक बड़े राजमार्ग से जोड़ा जाएगा।
इसके अलावा वहां पुलिस व न्यायपालिका को मजबूत बनाने में भारत लगातार मदद कर रहा है। सामाजिक विकास से जुड़ी कई परियोजनाएं भारत की मदद से चलाई जा रही हैं।
सोलिह ने विदेश मंत्री जयशंकर से की मुलाकात
दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और विस्तारित रणनीतिक साझेदारी को नई गति प्रदान करने के लिए चार दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह ने सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक की। बैठक के बाद जयशंकर ने कहा कि भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत मालदीव भी उसका अहम हिस्सा है। दोनों पक्षों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।