न करें सीमा का उल्लंघन : भारत ने चीन को दी चेतवानी, कहा….
नई दिल्ली। न करें सीमा का उल्लंघन : भारत ने चीन को दी चेतवानी, कहा……. भारत और चीन के बीच गत मंगलवार को पूर्वी लद्दाख स्थित चुशूल मोल्डो में सैन्य स्तरीय विशेष वार्ता हुई। इसमें भारत ने बीते 45 दिनों में चीन की वायु सेना द्वारा किए गए हवाई सीमा के उल्लंघन पर सख्त ऐतराज जताया। भारतीय वायुसेना ने चीन के लड़ाकू विमानों को इलाके से खदेड़ दिया था।
न करें सीमा का उल्लंघन : ताइवान में उलझे चीन को भारत ने चेताया
भारत और चीन की बीच विश्वास कायम रखने के उपायों के तौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के 10 किलोमीटर के अंदर ही लड़ाकू विमान उड़ाने पर सहमति है, लेकिन चीनी विमानों ने बीते डेढ़ माहों में इसका उल्लंघन किया है। भारत ने इसे भड़काने वाले हरकत बताते हुए चीनी सैन्य अधिकारियों के समक्ष सख्त आपत्ति प्रकट की।
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सरकारी सूत्रों ने विशेष सैन्य वार्ता के बारे में शुक्रवार को मीडिया को जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष ने चीन से कहा कि वह वायु क्षेत्र के उल्लंघन जैसी उकसाने वाली गतिविधियों से परहेज करे। विशेष सैन्य वार्ता में दोनों देशों के वायुसेना अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। उनके अलावा सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
भारतीय पक्ष की ओर से एयर कमाडोर अमित शर्मा ने मौजूद थे, वहीं चीनी पक्ष की ओर से उनके समकक्ष अधिकारी थे। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व फायर एंड फ्यूरी कोर के तहत लेफ्टिनेंट जनरल ए सेनगुप्ता के नेतृत्व में मेजर जनरल रैंक के एक अधिकारी ने किया। भारत व चीन के बीच विशेष सैन्य वार्ता ऐसे समय हुई है, जब ड्रैगन का ताइवान समेत कई मामलों को अमेरिका समेत कई देशों से तनाव चल रहा है।
लद्दाख में न करें हवाई सीमा का उल्लंघन
अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताजा ताइवान यात्रा से चीन बुरी तरह भड़का हुआ है। उसने ताइवान पर मिसाइलें दागी हैं। इनमें से कुछ जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में भी गिरी हैं। चर्चा के दौरान चीनी पक्ष ने तिब्बत में अपनी वायु सेना के विमानों का पता लगाने की भारतीय वायुसेना की क्षमता पर ऐतराज जताया। चीन इसकी लगातार शिकायत कर रहा है। भारत व चीन की वायु सेना के बीच टकराव जून में शुरू हुआ था।
25 जून को चीनी वायुसेना का एक जे-11 लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में तनाव वाले क्षेत्र के बहुत करीब से सुबह 4 बजे उड़ा था। इसे वायुसेना के जवानों और रडार ने तुरंत पकड़ कर सतर्क किया था। चीनी वायुसेना द्वारा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की गतिविधियां एक माह से अधिक समय तक जारी रही थीं। इसी दौरान भारतीय वायु सेना के मिराज 2000 और मिग-29 सहित अन्य लड़ाकू विमानों को मौके पर भेजकर जोरदार जवाब दिया था।
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सूत्रों ने कहा कि चीन ने भारतीय वायुसेना की इतनी तीखी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की थी। दरअसल, वायुसेना पीएलएएएफ के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने को तैयार थी। सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना यह सावधानी भी बरत रही है कि जमीन पर मामला न बढ़े और साथ ही चीन की हवाई गतिविधियों पर भी नजर रखी जाए।