अलकायदा के प्रमुख जवाहिरी (Zawahiri)की लोकेशन किसने लीक की?

नई दिल्ली. आतंंकी संगठन अलकायदा के नेता अयमान अल जवाहिरी (Zawahiri) की लोकेशन आखिर अमेरिका को किसने दी ? इस सवाल को लेकर अफगानिस्तान का शीर्ष तालिबान नेतृत्व भारी परेशान है तो वहीं अफगान के रक्षा और विदेश मंत्रियों और पाकिस्तान पर संदेह जताया जा रहा है. अमेरिकी ड्रोन हमले में जवाहिरी की मौत के बाद से तालिबान की प्रतिष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं. जवाहिरी, काबुल में राष्ट्रपति भवन से मात्र 600 मीटर की दूर स्थित एक बेहद सुरक्षित घर में मार गिराया गया. जवाहिरी, अमेरिका में हुए 9/11 के आतंकवादी हमलों का प्रमुख साजिशकर्ता था. ओसामा बिन लादेन के बाद उसे अलकायदा चीफ रूप में पहचाना गया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि अमेरिकी हमले में जवाहिरी को मार गिराया गया है. इसके बाद से तालिबान में विचार-विमर्श चल रहा है. हालांकि, जवाहिरी के पास लादेन वाला करिश्माई नेतृत्व नहीं था. लादेन ने अलकायदा और उसके आतंकवादी हमलों की बहुत सोची समझी तैयारी की थी.
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तालिबान के पास नहीं है कोई जवाब
अफगानिस्तान के तालिबान शासक, जवाहिरी की मौत की घटना को लेकर स्तब्ध है. तालिबान में विचार-विमर्श चल रहा है कि इस घटना को आगे कैसे बढ़ाया ? यह कहना कि तालिबान को जवाहिरी के बारे में जानकारी नहीं थी, एक बड़े झूठ के रूप में सामने आएगा क्योंकि जवाहिरी, राष्ट्रपति भवन के बेहद नजदीक रह रहा था. और दूसरी तरफ अगर तालिबान इसे स्वीकार कर लें तो यह शांति समझौते के उल्लंघन को स्वीकार करने जैसा होगा.
‘वो घर’ सिराजुद्दीन हक्कानी के एक शीर्ष सहयोगी का
अल-जवाहिरी को मारने वाले अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद, आतंकवादी समूह हक्कानी नेटवर्क के सदस्यों ने उस घर के स्वामित्व को लेकर चुप्पी साधने और बात छिपाने की कोशिश की थी. दरअसल, काबुल का वह घर कथित तौर पर सिराजुद्दीन हक्कानी के एक शीर्ष सहयोगी का बताया जा रहा है. सिराजुद्दीन हक्कानी काबुल में तालिबान सरकार में आंतरिक मंत्री हैं.
अमेरिका और तालिबान फिर आमने-सामने
अमेरिका का दावा है कि तालिबान ने जवाहिरी को देश में घुसने दिया और यह शांति समझौते का उल्लंघन है. वहीं, तालिबान का दावा है कि अमेरिका ने ड्रोन हमला कर शांति समझौते का उल्लंघन किया है.
रक्षा मंत्री या विदेश मंत्री?
सूत्रों के मुताबिक तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर का हक्कानी ग्रुप से विवाद था. हक्कानी नेटवर्क जलालुद्दीन हक्कानी द्वारा स्थापित एक इस्लामी आतंकवादी संगठन है, जो सोवियत विरोधी युद्ध के दौरान एक शीर्ष अफगान सरदार और विद्रोही कमांडर के रूप में उभरा था. सूत्रों ने कहा कि संदेह यह है कि अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री और दिवंगत तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब ने कतर की अपनी हालिया यात्रा के दौरान जवाहिरी के स्थान का खुलासा किया था. वहीं, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भी संदेह के घेरे में हैं. उन पर भी सूचना लीक करने का संदेह किया जा रहा है. मुत्ताकी के पास पाकिस्तान में संपत्ति, अचल संपत्ति और कई अन्य व्यावसायिक हित हैं.
पाकिस्तान ने दी सूचना
सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान ने लोकेशन लीक की है. सूत्रों का दावा है कि ऐसा करने से ही पाकिस्तान को जवाहिरी पर जारी 25 मिलियन अमेरिकी डालर का इनाम मिलने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से लोन मिला और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल से क्लीरेंस मिला है. शीर्ष खुफिया सूत्रों के अनुसार, जवाहिरी पहले कराची में था और उसे चमन सीमा से काबुल ले जाया गया था. इसकी जानकारी केवल हक्कानी नेटवर्क को थी. यहां तक कि डिप्टी पीएम अब्दुल गनी बरादर को भी इसकी जानकारी नहीं थी.