उत्तर प्रदेश

शिवलिंग के स्पर्श मात्र से दूर हो जाते हैं कष्ट

देवरिया । छोटी काशी (Suffering)के रूप में विख्यात रुद्रपुर में दुग्धेश्वर नाथ मंदिर में सावन के सोमवार को जलाभिषेक के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ देवरिया में जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर रुद्रपुर कस्बे में दुग्धेश्वर नाथ मंदिर स्थित है। श्रद्धालुओं को देखते हुए स्थानीय और बाहरी व्यापारी यहां सजावटी सामानों (Suffering) से लेकर घरेलू उपयोग की वस्तुओं तथा खान पान की दुकानें लगाते हैं।

इस मन्दिर की स्थापना सतासी इस्टेट परिवार के राजा वशिष्ठ सेन ने की थी। वह यहां नियमित पूजा करने आते थे। यह मन्दिर 20 एकड़ में फैला हुआ है। स्थानीय ख्याति है कि यहां के शिवलिंग के स्पर्श मात्र से कष्ट दूर हो जाते हैं। यहां खुदाई के दौरान मन्दिर परिसर से मिले शिव, पार्वती,गणेश और वामन भगवान की काले पत्थर की मूर्तियां भी स्थापित हैं।

जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र हैं। यहां प्रत्येक चौथे वर्ष अधिकमास में दर्शन पूजन कर पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए देश के कोने कोने से आम दर्शनार्थी से लेकर साधु सन्यासी आते हैं।जो नीसक पत्थर से निर्मित है। इस शिवलिंग को उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में स्थित शिवलिंग का उप ज्योतिर्लिंग माना जाता है।

यह धरातल से 20 फीट नीचे कुएं में स्थित है। इस गजेटियर के अनुसार अलेक्जेंडर ने सतासी इस्टेट स्थित शिव मंदिर की चर्चा की है। साथ ही इतिहास के पन्नों में बेहद चर्चित चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी कुशीनारा यात्रा वृतांत में रुद्रपुर के शिव मन्दिर का उल्लेख किया है। इस मन्दिर की छोटी काशी के रूप में मान्यता है।

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