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अमेरिका में पंडित जसराज को प्रशंसकों ने दी श्रद्धांजलि

यूयॉर्क। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के मूर्धन्य गायक पंडित जसराज को अमेरिका में उनके प्रशंसकों ने श्रद्धांजलि दी और उनके सौम्य स्वभाव को याद करते हुए कहा कि भारत और उसकी सांस्कृतिक विरासत के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है। पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित जसराज ने अमेरिका के न्यूजर्सी में सोमवार सुबह अंतिम सांस ली थी। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार दोपहर मुम्बई भेजा जाएगा। न्यूयॉर्क में भारत का महावाणिज्य दूतावास आवश्यक व्यवस्था करने में मदद कर रहा है। ‘यूएस फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन’ (प्रवासी संगठन) के पूर्व अध्यक्ष आलोक कुमार ने दिग्गज कलाकार को न्यूजर्सी के हाईलैंड पार्क में हिंदू अंतिम संस्कार गृह में श्रद्धांजलि दी। कुमार ने बताया कि पंडित जसराज को श्रद्धांजलि देने के लिए वहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे। कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम को ध्यान में रखते हुए हालांकि कम लोगों की ही अंतिम संस्कार गृह में जाने की अनुमति दी गई। कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम सबको संगीत की महान हस्ती की कमी खलेगी। यह यकीनन भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक युग का अंत है। पंडित जसराज के निधन से, हमने शास्त्रीय संगीत की सरगम को खो दिया है।’’ पंडित जसराज के एक शिष्य हरि ने कहा कि सब अब भी स्तब्ध हैं और इस खबर से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। न्यूजर्सी की अलका अनेजा ने पद्म विभूषण से सम्मानित जसराज के साथ बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि वह एक गुरु और महान हस्ती थे, लेकिन उनकी मानवता, दयालुता और उदारता अद्वितीय थी। एफआईए के चेयरमैन अंकुर वैद्य ने पंडित जसराज के साथ हुई कई बातचीत को याद करते हुए कहा कि वह एक ‘‘बहुत ही प्रेरणादायक और मंत्रमुग्ध करने वाले शख्स’’ थे। कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद से 90 वर्षीय पंडित जसराज न्यूजर्सी में ही थे । उनके परिवार में पत्नी मधुरा के अलावा संगीतकार पुत्र शारंग देव और बेटी दुर्गा जसराज हैं। अपने आठ दशक से अधिक के संगीतमय सफर में पंडित जसराज को पद्म विभूषण (2000) , पद्म भूषण (1990) और पद्मश्री (1975) जैसे सम्मान से नवाजा गया। पिछले साल सितंबर में सौरमंडल में एक ग्रह का नाम उनके नाम पर रखा गया था और यह सम्मान पाने वाले वह पहले भारतीय कलाकार बने थे। इंटरनेशनल एस्ट्रोनामिकल यूनियन :आईएयू: ने ‘माइनर प्लेनेट’ 2006 वीपी 32 :नंबर 300128: का नामकरण पंडित जसराज के नाम पर किया था जिसकी खोज 11 नवंबर 2006 को की गई थी। इस साल जनवरी में अपना 90वां जन्मदिन मनाने वाले पंडित जसराज ने नौ अप्रैल को हनुमान जयंती पर फेसबुक लाइव के जरिये वाराणसी के संकटमोचन हनुमान मंदिर के लिये प्रस्तुति दी थी। इसके अलावा उन्होंने अपनी बेटी और प्रोड्यूसर दुर्गा की संगीतमय वेब सीरिज ‘उत्साह’ में भी भाग लिया था जो लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर आयोजित की जा रही है।

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