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सिज़ोफ्रेनिया (schizophrenia.)के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलें.

सिज़ोफ्रेनिया: सिज़ोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति वास्तविकता और कल्पना में अंतर नहीं कर पाता है. इस बीमारी से ग्रस्त लोग किसी काम या बात पर फोकस नहीं कर पाते हैं और उनमें कुछ भी करने या समझने की क्षमता कम हो जाती है. सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित लोग हर समय डरा हुआ, अकेला और भ्रमित महसूस कर सकते हैं. सिज़ोफ्रेनिया एक असाधारण बीमारी है जो काफी कम लोगो में पाई जाती है.सिज़ोफ्रेनिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को ग्रस्त कर सकती है जिसमें अधिकतर पुरुषों में इसके लक्षण लगभग 20 की उम्र तक और महिलाओं में 30 की उम्र तक देखे जा सकते हैं. सिज़ोफ्रेनिया में स्प्लिट पर्सनैलिटी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं लेकिन वह एक अलग बीमारी है. सिज़ोफ्रेनिया (schizophrenia.) के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ताकि सही कारण पता कर सकें.

सिज़ोफ्रेनिया के लक्षण कुछ इस तरह होते हैं :
हेल्थ लाइन के अनुसार सिज़ोफ्रेनिया जैसी गंभीर बीमारी के शुरुआती लक्षण व्यक्ति की किशोरावस्था में दिखने शुरू हो सकते हैं.
– खुद को परिवार और दोस्तों से अलग रखना और अकेले समय बिताना– हर बात पर गुस्सा करना और बर्ताव में चिड़चिड़ापन आना– किसी भी काम या पढ़ाई में फोकस करने में परेशानी होना– अच्छी नींद नहीं आना और बेचैनी रहना– रोज के कामों में मन नहीं लगना– परेशान और दुखी रहना– हर चीज को दूसरे लोगों से अलग महसूस करना– अपनी भावनाएं परिवार या दोस्तों के सामने खुलकर नहीं बता पाना– दूसरे लोगों से दूरी बनाए रखना– अजीब व्यवहार करना– हर समय भ्रम होना-वास्तविकता और कल्पना में अंतर ना कर पाना– किसी भी चीज को प्लान करने में परेशानी होना और अपने मन कि बातें ना बोल पाना

सिज़ोफ्रेनिया बीमारी किन कारणों से हो सकती है:
सिज़ोफ्रेनिया का कोई खास कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इसकी निम्न वजहेें हो सकती हैं:
– सिज़ोफ्रेनिया जेनेटिक हो सकती है-जन्म से कुपोषण या किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर-ऐसे ड्रग्स या दवाइयों का ज्यादा सेवन करना जिनसे दिमाग पर बुरा असर पड़ता है-स्ट्रेस में रहने के कारण

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