सड़कों के किनारे बीज फेंककर भविष्य के लिए पौधे तैयार

बाराबंकी । एक (plants) हाथ से दिव्यांग उज्ज्वल घोष कलकत्ता से लेह लद्दाख की साइकिल (plants) यात्रा पर निकले हैं। वह 5600 किलोमीटर की यह यात्रा एक विशेष उद्देश्य के साथ कर रहे हैं। रास्ते में लोग गुरुद्वारा या फिर भंडारे में खाना खा लेते हैं। कई बार ढाबा या होटल में रुकना पड़ता है। सभी की मदद से यात्रा चल रही है।
उम्मीद है कि मंजिल जरूर मिलेगी। बुधवार की शाम वह उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला पहुंचे। वह देश के हरियाली से भर देना चाहते हैं। ताकि लोगों को शुद्ध हवा मिल सके। वह अपने साथ बीज लेकर यात्रा कर कर रहे हैं। सड़कों के किनारे बीज फेंककर भविष्य के लिए पौधे (plants) तैयार कर रहे हैं।
यहां वह विश्राम के लिए रुके तो लोगों से बातचीत शुरू हुई। उनके उद्देश्य की जानकारी होने पर हर किसी ने उनकी लगन, मेहनत, जज्बे को सलाम किया। इससे हर प्रदेश में पौधो की प्रजातियां बढ़ेंगी। दूसरा सड़कों के किनारे अधिक पौधे होने से प्रदूषण से राहत मिल सकेगी और लोगों को शुद्ध हवा मिल सकेगी।
इससे कई प्रकार की बीमारियों से निजात मिल सकेगी। यह यात्रा शुरू करने से पहले उन्हें खर्च का डर सता रहा था। लेकिन मन में अपने उद्देश्य को पूरा करने का संकल्प भी था। बताया कि जब यात्रा शुरू की तो अधिक पैसे नहीं थे। कहते हैं कि मन में अच्छा संकल्प लेकर आगे बढ़ो तो मददगार मिल ही जाते हैं।