विज्ञापन के मामले में ‘हमें पता नहीं था’ कहकर नहीं बच सकेंगे सेलेब्स !

आपको याद हो तो, कुछ वक्त पहले ‘जेम्स बॉन्ड‘ फेम एक्टर पियर्स ब्रॉसनन ने एक पान मसाला का विज्ञापन किया था। बाद में जब उनकी किरकिरी होनी शुरू हुई तो उन्होंने यह दलील दी कि उन्हें पता नहीं था कि यह पान मसाला का एड है। उन्होंने तो इसे माउथ फ्रेशनर समझा था। अक्सर बॉलीवुड सितारे या एड देने वाली कई हस्तियां फंसने पर यह दलील देती नजर आती हैं।
मगर, अब वे ऐसा नहीं कर सकेंगे। क्योंकि सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने अपने नियम सख्त कर दिए हैं। इसके तहत इन्फुएंसर्स और विज्ञापनकर्ता जो भी दावे करेंगे, उसके लिए वह कानूनी रूप से भी जिम्मेदार होंगे। अपने दावों का उन्हें सुबूत पेश करना होगा। लिहाजा, भविष्य में किसी कानूनी मुसीबत में न फंसे इसलिए, सेलेब्स से लेकर एंडोर्सर्स तक अब सतर्क हो गए हैं और कानूनी फर्म की शरण ले रहे हैं।
ज्यादा सख्त हुए नियम
बता दें कि पिछले महीने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने विज्ञापनों को लेकर नए दिशानिर्देश लागू किए हैं। इसके बाद एंडोर्सर्स, इन्फ्लुएंसर्स आदि लॉ फर्म का सहारा ले रहे हैं, ताकि अदालतों के चक्कर काटने से बच सकें। दरअसल, लॉ फर्म की शरण इसलिए ली जा रही है, ताकि विज्ञापनों में किए गए दावों की जांच बखूबी की जा सके।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सेलिब्रिटीज भी अब काफी ज्यादा सतर्क हैं। हर कोई प्रोफेशनल लीगल हेल्प ले रहा है। नए नियमों के बारे में फेमस इनोवेशंस के सीनियर क्रिएटिव कंसल्टेंट करण प्रताप का कहना है, ‘पहले सेलेब्स अक्सर अपने बचाव में कह देते थे कि हमारा तो कोई रोल नहीं है या हमें तो यह पता ही नहीं था, लेकिन अब नए दिशा-निर्देशों के तहत वह विज्ञापन में जो दावा कर रहे हैं उन्हें वह लिखित में देना होगा। यह एक तरह से एफिडेविट की तरह होगा। बाद में वह ये कहकर नहीं निकल सकेंगे कि उन्हें जानकारी ही नहीं थी।’
फंस चुके हैं ये सितारे – एएससीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से मई के बीच सोशल मीडिया इंन्फ्लुएंसर्स और सेलेब्स ने 92 प्रतिशत विज्ञापनों का उलंघन किया है। अमिताभ बच्चन, कटरीना कैफ, रणवीर सिंह और सलमान खान भी इनमें से एक हैं। इनके अलावा जैकलीन फर्नांडिस, सानिया मिर्जा, अनुष्का शर्मा भी हैं, साथ ही एक नामी यूट्यूबर और ब्लॉगर का नाम भी इस लिस्ट में है।
रिपोर्ट के मुताबिक ये सेलेब्स गाइडलाइन का पालन करने में विफल रहे हैं। हालांकि, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में कुछ टैलेंट मैनेजमेंट कंपनिया सारी जिम्मेदारी सेलेब्स और इंप्लुएंसर्स के मत्थे मढती हैं। यह गलत है। निर्माता कंपनी और एडवर्टाइजिंग कंपनी भी जिम्मेदार हैं, जो कि विज्ञापन की स्क्रिप्ट लिखती है। एंडोर्सर्स को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए कि वह क्या दे रहे हैं।
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विज्ञापनकर्ता होंगे सतर्क – अक्सर देखा जाता है कि सेलेब्स या जानी-मानी हस्ती इस मामले में आसान टारगेट होती हैं। अमिताभ बच्चन खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए यह जानकारी साझा कर चुके हैं कि वह जिन उत्पादों का प्रचार कर रहे हैं उनके संबंध में उन्हें कई नोटिस मिल चुके हैं। ऐसे में सिर्फ सेलेब्स को टारगेट क्यों किया जाता है? इस पर करण प्रताप का कहना है,
‘ऐड एजेंसी और प्रोडक्ट निर्माता कंपनियों के लिए तो पहले से ही नियम काफी सख्त थे, झूठे विज्ञापन पर उनके खिलाफ कभी भी केस हो सकता है। लेकिन, नए नियम विज्ञापनकर्ताओं के लिए भी उतने ही सख्त हुए हैं, चाहें फिर वह सेलेब्स हों या कोई और चर्चित हस्ती। ऐसा इसलिए, क्योंकि आप एक पर्सनैलिटी हैं। आप गलत नहीं कर रहे, लेकिन आपका सहारा लेकर अगर गलत चीज का प्रचार हो रहा है तो आपकी भी जिम्मेदारी बनती है। ‘
नई लीगल प्रैक्टिस शुरू – नए दिशा-निर्देश जारी होने के बाद सेलेब्स और इन्फ्लुएंसर्स तो लॉ फर्म की मदद ले ही रहे हैं, साथ ही कानूनी सलाहकारों के लिए भी इस क्षेत्र में प्रैक्टिस के नए दरवाजे खुल रहे हैं। सेलेब्स की ओर से लॉयर्स किस उद्योग के लिए हां कर सकते हैं, यह गहन चर्चा का विषय बन गया है। बता दें कि सीसीपीए ने मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के हिस्से के तहत बीते महीने जो नई गाइडलाइन जारी की हैं, उसका मकसद भ्रामक विज्ञापनों पर लगाम करना है।
बच्चों से जुड़े विज्ञापनों पर खास सख्ती – दिशा-निर्देशों में बच्चों से संबंधित विज्ञापनों में खास सख्ती दिखाई गई है। साथ ही वे विज्ञापन भी निगरानी में होंगे, जिनमें बच्चों को दिखाया जाएगा। उन पर भी यही नियम लागू होंगे। रिपोर्ट् के मुताबिक यह नियम किसी सेलेब्रिटी या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर द्वारा किए गए विज्ञापन और उसमें किए दावों को सच साबित करने की अनिवार्यता के लिए बाध्य करते हैं। यह उपभोक्ताओं के हित में है।