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सीयूईटी स्नातक में दाखिला के लिए साझा प्रवेश परीक्षा(Common Entrance Tes) 

नई दिल्ली. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक में दाखिला के लिए शुक्रवार को हुई साझा प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) (Common Entrance Tes) से चूकने वालों के लिए फिर से कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने शुक्रवार शाम को यह जानकारी दी. इस परीक्षा के लिए 14.9 लाख परीक्षार्थियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. परीक्षा का आयोजन दो चरणों में किया जा रहा है, पहले चरण की परीक्षा जुलाई में और दूसरे चरण की अगस्त में आयोजित की जा रही है.

यूजीसी प्रमुख का बयान ऐसे समय में आया है, जबकि परीक्षा केंद्रों में अंतिम समय में बदलाव किये जाने के कारण कई छात्र इसमें शामिल नहीं हो पाए. एनडीटीवी के मुताबिक, कुमार ने आगे दावा किया कि यदि छात्र समय पर अपने निर्धारित केंद्र के अलावा किसी अन्य केंद्र पर भी पहुंचते हैं, तो ‘उन्हें अनुमति है’ – हालांकि ऐसा नहीं देखा गया.

हालांकि, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी और पंजाब के पठानकोट में 197 उम्मीदवारों – जहां तकनीकी मुद्दों के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी – को एक और मौका मिलने की संभावना है. एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जिन 190 से अधिक अभ्यर्थियों को इन दो केंद्रों पर परीक्षा देनी थी, उन्हें अगस्त में दूसरे चरण में मौका दिया जाएगा. वहीं, जो अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों में बदलाव के कारण सीयूईटी-यूजी नहीं दे पाए, उन्हें भी एक और अवसर हासिल होगा.’

‘परीक्षा में छात्रों की मौजूदगी करीब 85%’
यूजीसी अध्यक्ष ने पत्रकारों को भेजे गए एक वीडियो में कहा कि परीक्षा में छात्रों की उपस्थिति लगभग 85 प्रतिशत थी. उन्होंने शुरुआत में परीक्षा की व्यवस्थाओं का विवरण देते हुए बताया कि परीक्षा केंद्रों पर 5000 सुरक्षा कैमरे और 1500 मोबाइल-सिग्नल जैमर का इस्तेमाल किया गया है. बाद में उन्होंने उन परीक्षार्थियों को लेकर बात की, जो परीक्षा देने से चूक गए.

‘दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी’
उन्होंने कहा कि छात्रों को परीक्षा केंद्र पर दो घंटे पहले पहुंचने की सलाह दी गई थी. उन्होंने कहा कि परीक्षा शुरू होने के बाद 30 मिनट का ‘अतिरिक्त समय’ भी दिया है, जिसके बाद ‘किसी को भी परीक्षा देने की अनुमति नहीं है’. कुछ समाचार एजेंसियों ने पहले बताया कि एनटीए अधिकारियों ने कहा कि छात्रों को दूसरा मौका मिलेगा, लेकिन यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, ‘ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे हम उनके लिए दोबारा परीक्षा आयोजित कर सकें.’

छात्रों की आपबीती : ‘समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं’
परीक्षा में शामिल नहीं हो पाने वाले विद्यार्थियों में 18 वर्षीय आंचल भी शामिल थीं. दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में परीक्षा केंद्र के बाहर खड़ी आंचल ने कहा कि उनका परीक्षा केंद्र पहले द्वारका में था, लेकिन जब वह वहां गई तो उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया. आंचल ने कहा, ‘मुझे बताया गया कि मेरा परीक्षा केंद्र बदल दिया गया है. मैं घबरा गई और समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं. दो घंटे की यात्रा के बाद जब हमलोग आखिरकार नॉर्थ कैंपस पहुंचे, तो हमें बताया गया कि परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने का समय बीत चुका है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें केंद्र परिवर्तन के बारे में पहले से सूचित किया गया था, इस पर आंचल ने कहा, ‘जब मुझे बताया गया कि यह मेरा केंद्र नहीं है, मैंने तब अपना ई-मेल देखा. काश मुझे पहले पता होता कि केंद्र बदल दिया जाएगा तो मैं इसे पहले ही देख लेती.’

‘हमारा पूरा भविष्य अधर में लटक गया’
नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पहुंची रितिका के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. हालांकि, वहां पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि उनका नया परीक्षा केंद्र नॉर्थ कैंपस है. उन्होंने कहा, ‘मैं नॉर्थ कैंपस पहुंची, लेकिन समय खत्म होने के कारण मुझे प्रवेश नहीं दिया गया. यह गलत है और हमारा पूरा भविष्य अधर में लटक गया है.’ रितिका ने अन्य ‘विषयों’ के लिए भी पंजीकरण कराया है. रितिका ने कहा, ‘मैं समझ नहीं पा रही थी कि किस पाठ्यक्रम का चयन करूं. इसलिए मैंने शुक्रवार के लिए निर्धारित बीए कार्यक्रम के अलावा राजनीति विज्ञान के लिए भी पंजीकरण कराया था. मुझे खुशी है कि मैंने ऐसा किया। अब मेरे पास प्रवेश पाने का विकल्प है.’

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